प्रोन्नत जेलर को तैनाती नहीं, पांच किए अटैच !
लखनऊ। बाप बड़ा ना भईया, सबसे बड़ा रुपैया….! जेल मुख्यालय के अफसरों पर ये कहावत एकदम फिट बैठती है। मुख्यालय अफसरों ने प्रोन्नति पाये जेलरों की तैनाती तो की नहीं, किन्तु कमाई के फेर में पांच जेलर को इधर-उधर अटैच कर दिया। मोटी रकम देने वाले अधिकारियों को कमाई वाली जेलों पर, तो कम देने वालों को कम कमाऊ जेल पर अटैच कर दिया गया। यह मामला विभागीय अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि एक जेल अधिकारी जाने से पहले कमाई का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहता!
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल मुख्यालय से गुरुवार को पांच जेलर का विभिन्न जेल पर अटैचमेन्ट किया गया। इसमें मुरादाबाद जेल में तैनात जेलर मनीष कुमार को मेरठ, अंजनी गुप्ता को बरेली से बलिया, नागेश को बुलंदशहर से मऊ, राजेश वर्मा को बाराबंकी से ज्ञानपुर के साथ विजय गुप्ता को रामपुर से मुरादाबाद जेल में अटैच किया गया है। सूत्रों का कहना है कि मोटी रकम देने वाले मनीष व विजय को अधिक कमाऊ मानी जाने वाली जेल पर, तो वहीं कम देने वाले अंजनी, नागेश व राजेश को कमाऊ से कम कमाई वाली जेल पर भेज दिया गया। बताया गया है कि जेलर मनीष कुमार की मुख्यालय में अच्छी सेटिंग-गेटिंग है। इस कारण इनका अधिकांश समय पश्चिम उत्तर प्रदेश की जेल में ही रहा है। वह तीन बार मुरादाबाद जेल के साथ अलीगढ, गाज़ियाबाद, एटा, शाहजहांपुर में तैनात रहे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों विभाग में 15 डिप्टी जेलर को जेलर पद पर प्रोन्नत किया गया। इन जेलर को प्रोन्नत हुए करीब दो माह होने को है, किंतु आज तक इनकी तैनाती नहीं की गई है। आलम यह है कि कई जेल पर जेलर नहीं है, तो कहीं आधा दर्जन की तैनाती है। आरोप है कि यह अव्यवस्था जेल मुख्यालय व शासन को दिखाई नहीं पड़ रही है।
इस संबंध में असलियत जानने के लिए एआईजी शरद से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। एक अन्य अधिकारी ने सिर्फ इतना ही कहा कि यह रूटीन प्रक्रिया है, अटैचमेन्ट होते रहते हैं। नए जेलर की तैनाती के सवाल पर उन्होंने फ़ोन ही काट दिया।
-राकेश यादव (INN)