नई दिल्ली (धारा न्यूज़): कोरोना अभी गया नहीं कि अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। देश के चार राज्यों में इसका प्रसार पाया गया है।
संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है। इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है।
चिकित्सकों ने बताए लक्षण-
बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है. अगर आपको लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं.
कैसे करें बचाव- बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। अपने हाथों को 15 सेकेंड तक बार-बार साबुन से धोएं। सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखें और हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज करें। इसके अलावा पूरे बाजू के कपड़े पहनें और अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें। छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें। सांस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें। संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम कर रहे लोगों के संपर्क में आने से बचें। पोल्ट्री फार्म में काम करने या जाने वाले लोगों को PPE किट पहन कर जाना चाहिए। डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद इन्हें नष्ट कर दें। टिश्यू पेपर को इस्तेमाल के बाद डस्टबिन में डालें। बीमार हैं तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बर्ड फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए बचाव के लिए फ्लू की वैक्सीन भी लगवाई जा सकती है।