
अवकाश पर थे सहायक अध्यापक, मुख्य अध्यापक स्कूल खुला छोड़ गए ED से मिलने
पर्यवेक्षण को पहुंचे शिक्षक संकुल तो हुआ खुलासा
बिजनौर (मुरादाबाद): शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय के पुजारी शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति कितने समर्पित हैं, इसकी बानगी मंगलवार को हल्दौर को विकास खंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चंदनपुरा में देखने को मिली!
बताया जाता है कि खंड शिक्षा अधिकारी के निर्देश के अनुपालन में शिक्षक संकुल डॉ अजय कुमार शाही पर्यवेक्षण करने के लिए प्राथमिक विद्यालय चंदनपुरा पहुंचे। पूरा स्कूल खुला हुआ था लेकिन स्टाफ के नाम पर केवल रसोईया सुनीता उपस्थित थी। पूरे स्कूल में भ्रमण के बावजूद जब वहां पर एक भी शिक्षक नहीं मिले तो श्री शाही ने इस संबंध में जानकारी ली। पता चला कि विद्यालय की सहायक अध्यापिका रूपा देवी 6 माह के मातृत्व अवकाश पर हैं। शिक्षण कार्य बाधित न हो, इसके लिए गांवड़ी बुजुर्ग से सहायक अध्यापक मौ. जावेद को इस विद्यालय में तैनात कर रखा है। मौ. जावेद ने मंगलवार का आकस्मिक अवकाश ले रखा था, जो कि विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वीकृत भी किया जा चुका था। इस कारण वह विद्यालय नहीं आए। उनकी गैरमौजूदगी में विद्यालय की समस्त जिम्मेदारी मुख्य अध्यापक राजीव कुमार के कंधों पर थी। बताया जाता है कि विद्यालय में न मिलने पर संकुल शिक्षक ने मुख्य अध्यापक से फोन पर वार्ता करने का प्रयास भी किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। रसोईया द्वारा दिखाए गए पत्र व्यवहार पंजिका में राजीव कुमार को एडी बेसिक की जांच में जाना दर्शाया गया।
जवाबदेही किसकी ?
उधर लोगों का मानना है कि विद्यालय में अत्यंत महत्वपूर्ण अभिलेख तथा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई हजारों रुपए की सामग्री प्रत्येक समय रहती है। विद्यालय को बिना किसी समुचित व्यवस्था के छोड़कर जाना घोर लापरवाही है। एडी बेसिक शाम तक क्षेत्र में रहे। मुख्य अध्यापक को उनके पास जाना भी था, तो विद्यालय समय अवधि समाप्त होने के बाद जा सकते थे और यदि उससे पहले भी जाना था तो उन्हें कोई अन्य व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि विद्यालय में कुछ भी अप्रिय घटना घटित होने पर संबंधित की जवाबदेही बन सकती। सवाल यह है कि अगर प्राथमिक विद्यालय चंदनपुरा से कोई अभिलेख अथवा सरकारी सामग्री गायब हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा। वहीं कोई अभिभावक आदि शिक्षण संबंधी कार्य के लिए विद्यालय में पहुंचे तो वहां पर किस से वार्ता करता ?
फिलहाल संकुल शिक्षक ने अपने पर्यवेक्षण की रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। अब देखने वाली बात होगी कि खंड शिक्षा अधिकारी इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही करेंगे अथवा इस ओर से नजरें फेर लेंगे क्योंकि शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने पर उन्हें पहले ही शिक्षक संघठनों ने घेर रखा है। ऐसे में खंड शिक्षा अधिकारी अगर इस मामले में मुख्य अध्यापक के खिलाफ कोई कार्यवाही करते हैं तो शिक्षक नेताओं को मोर्चा खोलने के लिए एक और मुद्दा मिल जाएगा!