यूपी गेट पर आंदोलन खत्म करने के आसार, भारी संख्या में फोर्स तैनात-राेते हुए बोले टिकैत, आत्महत्या कर लूंगा
गाजीपुर। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत गुरुवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर में किसानों के प्रदर्शन स्थल पर भावुक हो गए और आरोप लगाया कि प्रशासन उनके आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहा है।
इधर गणतंत्र दिवस में हुई हिंसा के बाद अब पुलिस प्रशासत सख्त हो गया है। धरनास्थलों में पुलिस की गश्त तेज हो गई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसान आंदोलन को खत्म कराने के आदेश दे दिए हैं। इसके बाद गाजियाबाद प्रशासन ने नोटिस जारी कर आंदोलनकारियों को गुरुवार रात यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। नोटिस में कहा गया है कि तुरंत यूपी गेट खाली कर दो, वरना बल प्रयोग किया जाएगा। इसी प्रकार सिंघु बार्डर पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है। यहां किसानों की संख्या भी काफी कम हो गई है।
गाजीपुर बॉर्डर पर रोते हुए बोले राकेश टिकैत, कानून वापस नहीं हुए तो कर लूंगा आत्महत्या-
गणतंत्र दिवस पर ‘किसान गणतंत्र परेड’ के दौरान शहर के कई हिस्सों में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एफआईआर में नामित राकेश टिकैत ने दो दिन बाद विरोध स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा, “हम तैयार थे शांतिपूर्वक आत्मसमर्पण करने के लिए, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को पीटने के लिए भाजपा के स्थानीय विधायकों को बुलाया गया।” उन्होंने कहा, “यह हमारे खिलाफ एक साजिश है। अगर पुलिस ने हम पर गोलियां भी चलाईं, तो भी मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा।” टिकैत ने रोते हुए यह भी कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन वह अब आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए, भावुक टिकैत ने कहा कि प्रशासन उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को समाप्त करने के लिए किसानों के खिलाफ षड्यंत्र करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम यहां तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने आए थे और उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे थे।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग किसानों को मारने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह देश के किसानों के साथ अन्याय है। तीन कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए और हमारा आंदोलन तब तक चलता रहेगा, जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है।” उन्होंने कहा, “मैं किसानों के हक के लिए लड़ता रहूंगा।” गाजियाबाद प्रशासन ने किसानों को प्रदर्शन स्थल खाली करने के लिए नोटिस दिया है। इससे पहले दिन में, गाजीपुर विरोध स्थल पर पुलिस कर्मियों और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती देखी गई, जहां किसान पिछले साल 26 नवंबर से डेरा डाले हुए हैं।