America ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, इससे भारत का बाजार सुधरेगा

वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत के नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है। कहा कि वह ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाजारों की ‘निपुणता में सुधार’ करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका यह मानता है कि शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है। मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है।’ प्रवक्ता ने कहा कि हम प्रोत्साहित करते हैं कि पार्टियों के बीच किसी भी तरह के मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा। सामान्‍य तौर पर अमेरिका भारतीय बाजारों की कार्यकुशलता को सुधारने और बड़े पैमाने पर निजी सेक्‍टर के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्‍वागत करता है।

विदित हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 26 नवंबर से किसान प्रदर्शऩ कर रहे हैं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हिंसा भी हुई। कृषि कानून पर सहमति को लेकर किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर सभी बेनतीजा रहे। 22 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के दौरान सरकार ने नए कानूनों को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा और अधिनियमों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने का भी प्रस्ताव रखा, लेकिन किसान तब भी नहीं माने।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

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