
जिला पंचायत में संगीता यादव की दावेदारी से अन्य प्रत्याशियों की धड़कनें हुईं तेज
लखनऊ। काकोरी जिला पंचायत सीट का आरक्षण महिला पद के लिए घोषित होते ही क्षेत्र के एक जनप्रिय मिलनसार सहकारी संघ लिमिटेड काकोरी सभापति एवं ग्रामीण पत्रकार कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष केशरी राव धारा सिंह यादव ने अपनी पत्नी संगीता यादव की प्रबल दावेदारी घोषित कर अन्य संभावित उम्मीदवारों के द्वारा बनाये गये चुनावी गणित के फार्मूले पर शुरुआती दौर में फिलहाल अभी ब्रेक सा लगा दिया है। यही नहीं अन्य प्रत्याशियों को बगले झांकने को मजबूर कर उनके दिलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए लगभग आधा दर्जन लोगों के नाम चर्चा में आ रहे हैं। केशरी राव धारा सिंह यादव एक तो युवा और हर दिल अजीज है, जिनका क्षेत्र में कहीं कोई विरोध भी नहीं है। उनकी लोकप्रियता का आकलन यहां से किया जा सकता है कि वह सहकारी संघ लिमिटेड काकोरी के निर्विरोध सभापति चुने गए थे, जिससे वह क्षेत्र की सम्मानित जनता का दिल जीत रहे हैं। काकोरी विकास खंड लखनऊ की जिला पंचायत सदस्य वार्ड संख्या-14 जैसी सीट पर उनके सजातीय यादव मतों के अलावा मुस्लिम, ठाकुर, ब्राम्हण, रावत, लोधी, मौर्य, सविता, कुरील आदि मतों की भी काफी संख्या में मतदाता है। इनमें उनकी मजबूत पकड़ के कारण अन्य उम्मीदवारों के दिलों की धड़कन तेज होने लगी हैं। वार्ड नंबर-14 की सीट महिला के लिए आरक्षित है। यहां पर क्षेत्र के लोकप्रिय पत्रकार केशरी राव धारा सिंह यादव ने अपनी पत्नी संगीता यादव की मजबूती से दावेदारी की है। इस क्षेत्र के पिछड़े आंकड़े जो रहे हैं, उसमें जनता के बीच में रहने वाले ही चुनाव जीते आ रहे हैं। फिलहाल सभी संभावित उम्मीदवारों द्वारा क्षेत्र में अपनी-अपनी दावेदारी के कटआउट, होर्डिंग, पोस्टर गांवों में लगाकर चुनाव प्रचार धीरे-धीरे शुरू कर दिया गया है। वहीं केशरी राव धारा सिंह यादव ने अभी तक क्षेत्र में कोई भी कटआउट या होर्डिंग पोस्टर नहीं लगाया है। वह केवल क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलकर जनसमर्थन मांग रहे हैं, जिस पर उनको क्षेत्र में जनता का भारी जन समर्थन मिल रहा है। बताया जाता है कि केशरी राव धारा सिंह यादव की क्षेत्र में भाजपा, सपा, बसपा सहित अन्य राजनीतिक दलों में मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस कारण सभी दलों के लोग चुनाव में उनका भरपूर समर्थन कर रहे हैं। यही कारण है कि अन्य सम्भावित प्रत्याशियों की अभी से नींद उड़ी हुई है।
