पीएम आवास: 31 मार्च तक घर खरीदने पर 2.67 लाख की छूट

नई दिल्ली। केंद्र सरकार पीएम आवास योजना के तहत देश के लाखों लोगों को सस्ते में घर खरीदने का मौका दे रही है। सरकार की इस स्कीम में निवेशकों को 2.67 लाख रुपये तक की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी ऑफर की जाती है। इस योजना का लाभ 31 मार्च 2021 तक ही लिया जा सकता है। शर्तों के अनुसार पहली बार घर खरीदने पर ही इस सब्सिडी का फायदा लिया जा सकता है।
2.50 लाख तक का फायदा- इस योजना के अंतर्गत पहली बार घर खरीदने वालों को CLSS या क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है, अर्थात घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है। स्कीम 31 मार्च 2021 तक बढ़ाई गई है। इससे 2.50 लाख से ज्यादा मध्य वर्गीय परिवारों को लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा स्पांसर्ड यह स्कीम 25 जून, 2015 को शुरू की गई थी।
किस आय वर्ग को किस वर्ग में सब्सिडी- 3 लाख तक सालाना आय वालों को EWS सेक्शन में 6.5 प्रतिशत सब्सिडी। 3 लाख से 6 लाख सालाना आय वालों को LIG में 6.5 प्रतिशत सब्सिडी। 6 लाख से 12 लाख सालाना आय वालों को MIG1 में 4 प्रतिशत की क्रेडिट लिंक सब्सिडी। 12 लाख से 18 लाख सालाना आय वालों को MIG2 सेक्शन में 3 प्रतिशत की क्रेडिट लिंक सब्सिडी का लाभ मिलता है।
योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया- इस योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले PMAY की आधिकारिक वेबसाइट https://pmaymis.gov.in/ लॉग इन करें। अगर आप LIG, MIG या EWS कैटेगरी में आते हैं तो अन्य 3 कंपोनेंट पर क्लिक करें। यहां पहले कॉलम में आधार नंबर डालें, दूसरे कॉलम में आधार में लिखा अपना नाम डालें। इसके बाद खुलने वाले पेज पर आपको पूरी पर्सनल डिटेल जैसे नाम, पता, परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही नीचे बने एक बॉक्स पर, जिस पर यह लिखा होगा कि आप इस जानकारी के सही होने को प्रमाणित करते हैं, क्लिक करें। सभी जानकारी भरकर सबमिट करने के बाद आपको कैप्चा कोड डालना पड़ेगा। इसके बाद आप इस फॉर्म को सबमिट करें। एप्लीकेशन फॉर्म की फीस 100 रुपए तथा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ₹ 5000 बैंक में जमा कराने होंगे।
किसे मिलेगा फायदा– इस स्कीम का फायदा उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिसके पास पक्का मकान न हो। इसके अलावा किसी सरकारी आवास योजना का फायदा नहीं लेते हों। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने के लिए Aadhaar जरूरी होता है। सरकार PMAY के तहत लोगों की पहचान करने के लिए Census 2011 जनगणना के आंकड़े लेती है।