बिजनौर। श्रद्धालुओं ने जिले में होलिका की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.22 बजे से 8.52 बजे तक रह। निर्धारित समय पर होलिका दहन किया गया। श्रद्धालुओं ने होलिका दहन के दौरान गन्ने में जौ बांधकर भूने। जिले में कुल 1860 स्थानों पर होलिका दहन किया गया।
बिजनौर में प्रत्येक वर्ष की तरह होली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। रविवार दोपहर महिलाएं होलिका पूजन स्थल पर एकत्रित हुईं और परंपरागत ढ़ंग से पूजा अर्चना की। पूजन के लिए हल्दी, गुड, गेहूं का आटा और गोबर से बनी हुई बुरकली का प्रयोग किया गया। हल्दी से तिलक कर गुड़ और आटे का भोग लगाने के बाद सूती कलावे से होलिका की परिक्रमा ली। रात्रि में होलिका दहन के दौरान गेहूं और जौ की बालियों को भूनने के बाद उसके दानों को आपस में बांट कर खाया जाता है। होलिका दहन का शुभ व श्रेष्ठ समय शाम 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 52 मिनट तक रहा। होली की 11 बार परिक्रमा कर महिला श्रद्धालुओं ने अपने परिवार की सुख शांति व रोगों से मुक्ति के लिए एक सूखा नारियल, एक लौंग का जोड़ा, पीली सरसों सिर के ऊपर से सात बार नवा कर होली की अग्नि में डाली और होलिका मैय्या से मनोकामना मांगी। होलिका दहन के समय श्रद्धालुओं ने खूब जयघोष करते हुए एक दूसरे को रंग लगाना शुरु कर दिया। जिले भर में पुलिस की व्यवस्था चाकचौबंद रही।
पुलिस की ओर से होलिका दहन, शब-ए-बारात, दुल्हैंडी और जुलूस को लेकर जिले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। जनपद को तीन सुपर जोन, छह जोन, 22 सेक्टर और 146 सब सेक्टर में बांटा गया। होलिका दहन में पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे। देर रात तक शब-ए-बारात और होलिका दहन को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस गश्त करती रही। श्मसान और होलिका दहन पर पुलिस तैनात रही। दुल्हैंडी को लेकर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। खासकर नगीना में आधुनिक ड्रोन से पूरे नगर पर निगरानी की गई। सभी जगह जुलूस भी ड्रोन के निगरानी में निकाले गए। हर शहर में इसकी व्यवस्था की गई। एसडीएम और सीओ लगातार अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहे। सर्विलांस और डॉग स्क्वायड की टीमें भी सक्रिय रहीं। इस दौरान पांच कंपनी पीएसी विवादित और मिश्रित आबादी में लगाई गई। मिश्रित आबादी वाले स्थानों पर पुलिस-पीएसी तैनात रही। होलिका दहन, शब-ए-बारात, रंगोत्सव और जुलूस की वीडियोग्राफी भी कराई गई।