लखनऊ। गोरखपुर जिले के आला अधिकारियों के करीब दो दर्जन सरकारी चालकों को इस बार पोलिंग पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में लगायी गई है। पांचवीं व आठवीं पास चालकों के होश ड्यूटी का पत्र हाथ में आते ही उड़ गए और ड्यूटी कटवाने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने लगे। मामला संज्ञान में आने पर अधिकारी भी हैरान हैं। अब गलती सुधार कर चालकों की ड्यूटी काटने की कवायद शुरू हो गई है।
शुरू में सुनवाई न होने पर एक चालक ने मंगलवार को एनेक्सी भवन पहुंचकर पीठासीन अधिकारी के कार्यों के लिए प्रशिक्षण भी ले लिया। सीडीओ के वाहन चालक बजरंगबलि दुबे, जिला कृषि अधिकारी के वाहन चालक ओम प्रकाश यादव, उपनिदेशक कृषि प्रसार कार्यालय के चालक राम अचल व परशुराम गुप्ता, राजकीय कृषि विद्यालय में तैनात वाहन चालक गणपति यादव आदि की ड्यूटी लगाई गई है।
वरिष्ठ होने से बने पीठासीन अधिकारी-
चुनाव ड्यूटी के लिए विभागों से नाम भेजने में चूक हुई। चालकों के नाम इससे पहले नहीं जाते थे। नाम जाने के बाद कंप्यूटर में फीडिंग के दौरान भी गलती हुई। वरिष्ठ होने के कारण इन चालकों की पे स्केल बढ़ गई है, जिसके कारण उनकी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में लग गई।
अब जिन अधिकारियों के वाहन चालकों की ड्यूटी लगी है, उनकी ओर से ड्यूटी कटवाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
क्या बोले एडीएम वित्त एवं राजस्व! वाहन चालकों की ड्यूटी लगने का मामला प्रकाश में आया है। विभागों से भेजी गई सूची के आधार पर ही ड्यूटी लगी है। अधिक पे स्केल के कारण साफ्टवेयर से उनकी ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में लग गई। वाहन चालकों की ड्यूटी जल्द ही काट दी जाएगी। – राजेश कुमार सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व।