प्रभावित नगरों में 2-3 सप्ताह के पूर्ण लॉक डाउन पर विचार करे सरकार

नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते। फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए।  -जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी

सड़क पर बिना मास्क न दिखाई दे कोई व्यक्ति। ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने की हिदायत। जरूरी हो तो संविदा पर तैनात किए जाए स्टाफ। राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस को कड़ाई से अमल में लाएं सभी जिला प्रशासन।

प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से ज्यादा प्रभावित नगरों में दो अथवा तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लाकडाउन लगाने पर विचार करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई नहीं दे अन्यथा अदालत पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। अदालत ने सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने के साथ ही ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने की हिदायत दी है। कहा कि शहरों में खुले मैदान लेकर अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था की जाय। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किए जाए।

गाइड लाइंस कड़ाई से हों लागू: कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहरों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर शामिल हैैं। कोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैले एक साल बीत रहा है, लेकिन इलाज संबंधी सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका। कोर्ट ने सभी जिला प्रशासन से कहा है कि वह राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस को कड़ाई से अमल में लाएं। अगली सुनवाई पर सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है। साथ ही प्रयागराज के जिलाधिकारी व सीएमओ को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया गया है।

यूपी बोर्ड छात्रों की हो जांच : अदालत ने कैंटोनमेंट जोन को अपडेट कर तथा रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का निर्देश देते हुए कहा है कि हर 48 घंटे में जोन में सैनिटाइजेशन किया जाय। यूपी बोर्ड की आनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच पर भी जोर दिया। हाईकोर्ट ने एसपीजीआइ लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में कोरोना आइसीयू बढ़ाने व सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस से आया जवाब
अभी हम लॉकडाउन की ओर नहीं जा रहे।
अभी हमने नाइट कर्फ्यू लगाया है।
लॉकडाउन की आवश्यकता भी नहीं होनी चाहिए,
क्योंकि हमें मानवता के जीवन को भी बचाना है।
जनता की जीविका को भी बचाना है। जीवन और जीविका को बचाना है।
इस क्रम में जो सबसे अच्छे विकल्प होंगे, उन्हीं विकल्पों को अपनाया जा रहा।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

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