
बिजनौर। भारतीय जनता पार्टी जिला बिजनौर में छोटा अखबार, बड़ा अखबार का खेल, खेल रही है!विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि जिला पंचायत सदस्य चुनाव में विज्ञापन के नाम पर प्रत्येक प्रत्याशी से ₹ 10-10 हजार की रकम जमा करा ली गई है। जो पांच लाख पचास हजार होती है। जिले के 56 वार्ड में से 27 नंबर को समर्थन नहीं दिया गया है। बताया गया है कि इस रकम में कुछ खर्च कर गिने चुने अखबारों को उपकृत कर दिया जाएगा। बाकी मीडिया के लोग छोटे की गिनती में आते हैं, लिहाजा उन्हें हाई कमान का आदेश बता कर नमस्ते। वैसे राजधानी से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र के जिला प्रभारी से बीजेपी जिलाध्यक्ष सुभाष वाल्मीकि ने स्वयं कहा भी कि सिर्फ पांच बड़े अखबारों को जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के विज्ञापन दिए जाएंगे। उन्होंने बाकायदा उन पांच बड़े अखबारों के नाम भी फख्र से बताए। प्रत्याशियों से ₹ 10-10 हजार जमा कराने की बात को सिरे से नकारते हुए कहा कि प्रदेश स्तर से प्रचार प्रसार की फंडिंग की जा रही है। विज्ञापन प्रकाशित कराने संबंधी निर्णय भी ऊपर से ही तय किया गया है। यह बात अलग है कि रकम जमा कराने वाले कुछ प्रत्याशियों से जुड़े पदाधिकारियों की कॉल रिकॉर्डिंग सेव है। वहीं धन उगाही को लेकर पार्टी के कुछ पदाधिकारी खासे नाराज भी हैं। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में इस तरह का कार्य पहली बार हुआ है। यह मामला प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के संज्ञान में लाया जाएगा।
आज बड़े हैं, कल तो छोटे थे! वर्तमान के हालात में नेताओं की रंगत गिरगिट को फेल करने पर तुली हुई है। यह सभी जगह का हाल है। इक्का दुक्का को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश नेता निचले पायदान से धीरे धीरे ऊपर तक पहुंचे गए। जो पैदल थे, आज उनके नीचे भारी भरकम गाड़ियां हैं। लकदक दिखाई देने के लिए कपड़े धुलवाकर धोबियों तक को पैसा देने में रुलाने वाले सिर तानकर चल रहे हैं। खबर छपवाने के लिए मीडिया वालों की चरण वंदना में जुटे रहने वालों को आज RO (रिलीज़ ऑर्डर) का जादुई शब्द भी पता है। यह बात तो जनता को बखूबी मालूम है कि जन समस्याओं को आला अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए ज्ञापन की टाइपिंग, फोटो कॉपी और तो और मीडिया में प्रकाशित कराने के नाम पर भी रकम ऐंठी जाती रही है।
BJP के कर्णधार और होनहार….