दूसरों से आह्वान करने वालों ने स्वयं किया गाइडलाइन को दरकिनार। बुधवार को भी कोरोना टैस्टिंग कक्ष में घुसे कई भाजपाई। सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर की गाली-गलौज। पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाया है इस बार।
बिजनौर। दूसरों से सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन करने का आह्वान करने वाले कुछ भाजपाईयों ने व्यवस्था तार-तार कर दी। गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्थित कोरोना टैस्टिंग कक्ष में घुसकर एक बार फिर स्वास्थ्य कर्मियों से गाली-गलौज की। इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मी पूरी तन्मयता के साथ अपने काम में जुटे रहे।

बुधवार को एक बार फिर एक स्थानीय भाजपा नेता ने अन्य भाजपाईयों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कोरोना की जांच के लिए बनाए गए कक्ष में सरकार की ओर से कोरोना गाइडलाइन के तहत जारी किए गए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रवेश किया। उक्त भाजपा नेता और उनके साथ पहुंचे लोगों ने वहां काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग कर्मियों को जमकर हडक़ाया। साथ ही नेताजी ने सत्ता के दंभ में स्वास्थ्य कर्मियों को गाली-गलौज करने से भी गुरेज नहीं किया।
गौरतलब है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व में की गयी सभाओं तथा मतदान किए जाने के समय तक उक्त नेताजी विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित कराए गए समाचारों व विज्ञप्तियों में सरकार की ओर से जारी की गयी गाइडलाइन का लोगों से पालन करने का आह्वान करते रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों पर नाराजगी जाहिर करने के दौरान नेताजी ने सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन को दरकिनार कर दिया। यह वाकया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचे राज्य नोडल अधिकारी योगेश कुमार के दौरा कर लौटने के बाद हुआ। कुछ ही देर पहले नोडल अधिकारी योगेश कुमार ने मंगलवार को एक भाजपा नेता की ओर से स्वास्थ्यकर्मियों के साथ गाली-गलौज किए जाने के प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना संक्रमण के इन संवेदनशील क्षणों में सभी को संयम से काम लेना चाहिए। ऐसे में शायद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने राज्य नोडल अधिकारी की बात को समझा परंतु भाजपा के स्थानीय नेताजी ने इसको गंभीरता से लेना गंवारा नहीं किया। अब देखना यह है कि लगातार दो दिनों तक स्थानीय भाजपा नेताओं के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर भाजपा जिला एवं राज्य नेतृत्व क्या गंभीरता से लेते हुए कोई कार्रवाई करेगा अथवा अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना पीड़ितों की सेवा में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ की गयी अभद्रता के इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?