त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की महा-मतगणना

बिजनौर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना सोमवार प्रातः आठ बजे से जारी है। 11 ब्लाक में 4320 कर्मचारी मतों की गिनती दो शिफ्टों में कर रहे हैं। कई केंद्रों पर कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ने के कारण मतगणना निर्धारित समय से शुरू नहीं की जा सकी।

एक नजर –
कुल पद प्रधान-1123, क्षेत्र पंचायत सदस्य-1393, ग्राम पंचायत सदस्य 14066, जिला पंचायत सदस्य- 56
प्रत्याशी प्रधान पद-7570, क्षेत्र पंचायत सदस्य-5428, ग्राम पंचायत सदस्य-9134, जिला पंचायत सदस्य-857
मतदाता कुल 22 लाख 53 हजार 198, वोट प्रतिशत-73.10 प्रतिशत
काउंटिंग टेबल- 1080 कर्मचारी-4320

बिजनौर जनपद में 19 अप्रैल को ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 11 ब्लाक के 3654 बूथ पर वोट पड़े थे। 11 मतगणना केंद्रों पर पंचायत चुनाव की मतगणना की तैयारियां हर पहलू को ध्यान में रखकर की गई। चुनाव आयोग ने कोरोना से बचाव के लिए पूर्व में तय नियमों में बदलाव किए।

सुबह आठ बजे से मतगणना-
मतगणना के लिए 11 केंद्र। मतगणना की शुरुआत रविवार प्रातः सुबह आठ बजे से दो शिफ्ट में हुई। पहली शिफ्ट सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चली। दूसरी शिफ्ट रात आठ बजे शुरू हुई, जो मतगणना समाप्त होने तक चलेगी।

मतगणना के लिए तीन टेबल
मतगणना के लिए तीन टेबल लगाई गई। पहली टेबल पर प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य पद, दूसरी टेबल पर क्षेत्र पंचायत सदस्य पद व तीसरी टेबल पर जिला पंचायत सदस्य पद के मतपत्र गिने गए। कक्ष में एक प्रत्याशी के एक ही एजेंट को उपस्थित रहने की अनुमति दी गई।

गिनती के लिए व्यवस्था-
वोटों की गिनती के लिए 1080 टेबल। एक टीम में एक सुपरवाइजर व तीन गणक समेत चार कर्मचारी। वोट गिनती के लिए कुल 4320 कर्मचारी जबकि 230 कर्मचारियों की टीम रिजर्व में। एक कमरे में एक एआरओ।

गिनती की प्रक्रिया
एक मतदेय स्थल पर एक से अधिक मतपेटी प्रयोग हुई हैं। सभी मतपेटी एक साथ खोली गईं। वोट गिनने के लिए एक कमरे में चार टेबल। मतपत्र की पदवार छंटाई। प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य पद के मतपत्र अलग-अलग रंग के हैं। सभी के 50-50 मतपत्र के बंडल बनाकर प्रत्याशी वार छंटाई। कैंसिल मतपत्र को लेकर विवाद होने की स्तिथि में अंतिम फैसला आरओ की जिम्मेदारी।

एक कमरे में एक एआरओ- एक कमरे में एक एआरओ की तैनाती। प्रत्याशियों के एजेंट के लिए डबल मास्क जरूरी। एजेंट को 48 घंटे पहले की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव दिखाने पर ही प्रवेश। मतगणना केंद्रों के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग। प्रत्याशी को समर्थकों की भीड़ लाने की इजाजत नहीं। प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य पद के एक प्रत्याशी का एक-एक एजेंट। जिला पंचायत सदस्य के एक ही वार्ड कई कमरों में होने के कारण एक प्रत्याशी के तीन से चार एजेंट।

सीसीटीवी कैमरों से निगहबानी-
मतगणना की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। सतत निगरानी के लिए हल्केवार तैनात रहे सुपर जोनल मजिस्ट्रेट। हर एसडीएम को ही सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी तहसील में आने वाले ब्लाक के मतदान केंद्र का लगातार निरीक्षण की जिम्मेदारी। मतगणना की रिपोर्ट डीएम को देने की इन्हीं पर जिम्मेदारी।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

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