
कहा जाता है कि अगर आपके सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है, यानि चलने में सांस नहीं फूलती है तो समझ लें कि आपके लंग्स मजबूत है और आप कई बीमारियों के हमले झेल सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग बेपरवाह हैं। आपके द्वारा की गई जरा सी लापरवाही आपको कोरोना का शिकार बना सकती हैं। दरअसल कोरोना का नया स्ट्रेन सीधे आपके लंग्स पर अटैक करता है। जिसे वह डैमेज करता है। जिससे आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती हैं। इससे आपकी जान पर भी बन आती है। इसलिए फेफड़ों को हेल्दी रखना बहुत ही जरूरी हैा
हवा में प्रदूषण के साथ -साथ स्मोकिंग की बुरी आदत, किसी ना किसी तरह की एलर्जी, रेस्पिरेटरी डिजीज़ सब मिलकर सांसों संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए लंग्स का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि शरीर को चलाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है और लंग्स का काम शरीर में ब्लड के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई करना है। जानिए कैसे तुलसी के साथ कुछ चीजें मिलाकर रोजामा सेवन करने से आपका फेफड़े मजबूत होगे। इसके साथ ही शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी।
सेवन का तरीका-फेफड़ों को मजबूत करने के लिए थोड़ी सी मुलेठी, 1-2 काली मिर्च, 1-2 लौंग को सेंक कर, 4-5 तुलसी के पत्ते, थोड़ी सी मिश्री और थोड़ी सी दालचीनी लेकर मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबा लें। आप रोजाना ऐसा कर सकते हैं। इससे अस्थमा में भी लाभ मिलेगा।
मुलेठी
औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी में विटामिन बी, ई के साथ-साथ फास्फोरस, कैल्शियम, कोलीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सिलिकॉन, प्रोटीन, ग्लिसराइजिक एसिड के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक गुण पाए जाते हैं। जो सर्दी-जुकाम, बुखार के साथ-साथ फेफड़ों को मजबूत रखने में मदद करती है। मुलेठी का सेवन 3-5 ग्राम ही पाउडर के रूप में करना चाहिए। मुलेठी की तासीर ठंडी होती है।
तुलसी
तुलसी के पत्ते में अधिक मात्रा में पोटैशियम, आयरन, क्लोरोफिल मैग्नीशियम, कैरीटीन और विटामिन-सी पाया जाता है जो फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद करता है। रोजाना सुबह 4-5 पत्तियों को चबा लें। इसके अलावा आप गिलोय और तुलसी का आयुर्वेदिक काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
लौंग
दिखने में छोटी और खाने में थोड़ी सी कड़वी लगने वाली लौंग कई गुणों से भरपूर होती है। लौंग में युजिनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जिसके कारण स्ट्रेस, पेट संबंधी समस्या, पार्किसंस, बदनदर्द जैसी समस्याओं से लाभ मिलता है। लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुणों के अलावा विटामिन ई, विटामिन सी, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, थायमिन और विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। हार्ट, फेफड़े, लिवर आदि को मजबूत करने के साथ पाचन तंत्र को दूरस्त रखने में मदद करता है। इसके साथ ही सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से भी लाभ मिलता है।
दालचीनी
दालचीनी स्वाद में थोड़ी मीठी और तीखी होती है। इसमें भरपूर मात्रा में थाइमीन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटेशियम, निआसीन, कार्बोहाइडे्ट आदि पाए जाते हैं। इसके अलावा यह एंटी-ऑक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। यह फेफड़ों को हेल्दी रखने के साथ हार्ट को भी मजबूत रखते हैं। इसके साथ ही इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद मिलती है।