नई दिल्ली। खाद्य तेलों की खुदरा में एक साल में 55.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब बंदरगाह पर फंसे तेल के बाजार में आने के बाद कीमतें नरम पड़ने की उम्मीद की जा रही है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट का सामना कर रहे उपभोक्ता की परेशानी और बढ़ी है।

केंद्र ने उम्मीद जताई है कि बंदरगाह पर मंजूरी मिलने के इंतजार में फंसे आयातित स्टॉक के जारी होने के बाद खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें नरम पड़ जायेंगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में एक साल में 55.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके कारण पहले से ही कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट का सामना कर रहे उपभोक्ता की परेशानी और बढ़ी है।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे के अनुसार सरकार कीमतों पर करीबी से नजर रखे हुए है। तेल उद्योग ने हाल ही में इसका जिक्र किया है कि कोविड स्थिति के मद्देनजर सामान्य जोखिम विश्लेषण के रूप में विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए जा रहे परीक्षणों से संबंधित मंजूरी में देरी के कारण कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों पर कुछ स्टॉक फंसा है।
उन्होंने एक आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ” इस समस्या का सीमा शुल्क और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ मिलकर समाधान किया गया है और जैसे ही यह स्टॉक को बाजार में जारी होगा, हमें खाद्य तेलों के दाम पर इसका असर होने की उम्मीद है।’’
सचिव ने कहा कि खाद्य तेल की कमी को पूरा करने के लिए देश आयात पर निर्भर है। सालाना, देश में 75,000 करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात होता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल आठ मई को वनस्पति की खुदरा कीमत 55.55 प्रतिशत बढ़कर 140 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 90 रुपए प्रति किलोग्राम थी।
इसी तरह पाम ऑयल का खुदरा मूल्य 51.54 प्रतिशत बढ़कर 132.6 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है, जो पहले 87.5 रुपए प्रति किलोग्राम था, सोया तेल का 50 प्रतिशत बढ़कर 158 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया जो पहले 105 रुपए प्रति किलोग्राम था, जबकि सरसों का तेल 49 प्रतिशत बढ़कर 163.5 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया जो पहले 110 रुपए प्रति किलोग्राम पर था।
उक्त अवधि में सोयाबीन तेल की खुदरा कीमत भी 37 प्रतिशत बढ़कर 132.6 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है जो पहले 87.5 रुपए किलो थी, जबकि मूंगफली तेल 38 प्रतिशत बढ़कर 180 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया जो पहले 130 रुपए प्रति किलोग्राम पर था।