


बिजनौर। 14 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर ग्रामीण अंचलों में प्रचलित बाल विवाह रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी रमाकान्त पांडेय ने सभी उपजिलाधिकारियों, पुलिस क्षेत्राधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में बाल विवाह न करने दिया जाय। यदि बाल विवाह की शिकायत आती है तो तत्काल कार्रवाई करें।
डीएम ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर या उसके आसपास सामूहिक बाल विवाह सम्पन्न किये जाने की कुप्रथा चल रही है। वर्ष 2021 में अक्षय तृतीया का पर्व 14 मई को पड़ रहा है। इस दिन बाल विवाह पर प्रतिबंध होने के बावजूद बाल विवाह किये जाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से बाल विवाह के रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाये गए हैं। निदेशालय महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ की ओर से वैश्विक महामारी के इस अत्यंत महत्वपूर्ण दौर में महामारी तथा बाल विवाह की कुरीति दोनों की रोकथाम के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने कहा है कि बाल विवाह जैसी कुरीति को समाप्त करने हेतु विशेष सजगता एवं सर्तकता के साथ आवश्यक सामाजिक जागरूकता भी आवश्यक है। इस सम्बंध में प्रभावी कदम उठाने तथा किसी भी दशा में विवाह न होने देने का संकल्प आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में पुलिस का भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। बाल विवाह रोकने के लिए इसकी सूचना 181 महिला हेल्प लाइन एवं 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन, 112 आकस्मिक सेवा, नजदीकी पुलिस स्टेशन पर दी जा सकती है। यदि कोई बाल विवाह करता है तो तत्काल सूचित करें, ताकि बाल विवाह को रोका जा सके और सम्बन्धित के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जा सके।