बिजनौर। अपर जिला जज सप्तम राजू प्रसाद का सोमवार की सुबह कोरोना के चलते निधन हो गया। करीब 15 दिन पूर्व संक्रमित होने पर उन्होंने निजी अस्पताल में इलाज कराया था, जहां उन्हें ब्लैक फंगस भी बताया गया था। ठीक होकर वह घर आ चुके थे। सोमवार सुबह तबीयत बिगडऩे पर एक निजी नर्सिंग होम ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बार संघ के अध्यक्ष अजीत पंवार ने अपर जिला जज की मृत्यु की पुष्टि करते हुए बताया कि बिजनौर में तैनात अपर जिला जज सप्तम राजू प्रसाद (45 वर्ष) पुत्र राम प्रसाद को करीब 15 दिन पहले कोरोना संक्रमण हुआ था। एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने इलाज कराया था, जहां जांच में उन्हें ब्लैक फंगस होने की भी पुष्टि हुई थी। कुछ दिन बाद वह ठीक होकर घर आ गए। सोमवार सुबह उनकी अचानक तबियत बिगड़ी, उन्हें बैराज रोड स्थित पुलकित अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते मे ही उन्होंने दम तोड़ दिया। राजू प्रसाद मूल रूप से देवरिया जनपद के रहने वाले थे। वह 2006 बैच के न्यायिक अधिकारी थे। वर्ष 2019 से बिजनौर में तैनात थे। यहां पर पहले उनकी सीजेएम के पद पर तैनाती हुई थी और बाद में यहीं पर प्रमोशन पाकर वह अपर जिला जज बन गए थे। उनके निधन की सूचना से अधिवक्ताओं और न्यायिक अफसरों में शोक व्याप्त हो गया।
मृत्यु के सही कारणों के बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विजय कुमार गोयल ने बताया, कि एपेडेमियोलॉजिस्ट को जानकारी एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही सही जानकारी दी जा सकेगी।
पांच दिन पूर्व ब्लैक फंगस से अधिवक्ता की हुई थी मौत!
पांच दिन पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली में बिजनौर शहर के एक नामी गिरामी अधिवक्ता की मृत्यु हो चुकी है। उनके पारिवारिक मित्रों के अनुसार उन्हें पहले मुरादाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से सर गंगाराम ले जाया गया था। वह ब्लैक फंगस से पीड़ित थे। इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विजय कुमार गोयल ने बताया, कि अभी तक उक्त अधिवक्ता की मृत्यु के विषय में संबंधित अस्पताल से उनके पास रिपोर्ट नहीं आई। रिपोर्ट के आधार पर ही ब्लैक फंगस की पुष्टि की जा सकती है।