न्याय विभाग की टेली लॉ सर्विस शुरू
अब जन जन तक पहुंचेगा न्याय
कॉमन सर्विस सेंटरों के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी सुविधा

बिजनौर। (एकलव्य बाण समाचार) जन जन तक न्याय की पहुंच को सभी जनता तक पहुंचाने के लिए न्याय विभाग द्वारा टेली लॉ सर्विस को शुरू कर किया गया है। यह कॉमन सर्विस सेंटरों के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। उक्त जानकारी सीएससी के जिला प्रबंधक नसीम अहमद ने प्रेस वार्ता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य हमारे ग्रामीण भाई जो गांव के किसी भी कोने में बैठे हैं और उनको कानून संबंधित कोई जानकारी चाहिए। वे वकील के पास जाने में असमर्थ रहते हैं क्योंकि उनसे कचहरी या वकील बहुत दूर होता है। इसी परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री और कानून मंत्री द्वारा टेली लॉ सर्विस शुरू हुई है, जिसमें वकील आपको वीडियो कॉलिंग या टेली कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सलाह देते हैं। इस सुविधा में पीड़ित गांव के किसी भी जनसेवा केंद्र में जाकर अपनी परेशानी को रजिस्टर्ड कर सकता है। उसके बाद हमारे वकील जो उनसे काफी दूर हैं। पीड़ित को फोन करके उनको सलाह तथा समस्या का समाधान करते हैं। यह सुविधा 2017 में शुरू की गई थी। अभी तक यह सुविधा उत्तर प्रदेश के केवल 8 जिलों में उपलब्ध थी। अब इस सुविधा को जनपद बिजनौर के लगभग 1500 कॉमन सर्विस सेंटरों पर उपलब्ध कर दिया गया है। इसमें हमारा पैरा लीगल वालंटियर गांव गांव में लोगों की समस्याओं को सुनकर टेली लॉ पोर्टल पर रजिस्टर कराता है और उस पीड़ित को घर बैठे ही कानूनी सलाह वकीलों द्वारा मिल जाती है। पोर्टल के माध्यम से कानूनी सलाह के मामले जैसे दहेज, घरेलू हिंसा, जमीन जायदाद व संपत्ति के मामले तथा लिंग और भ्रूण जांच, जमानती तथा गैर जमानती अपराध, जमानत मिलने की प्रक्रिया, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के प्रति अत्याचार के मामले दर्ज किए जा सकते हैं। यह सुविधा महिलाएं, बच्चे जो 18 साल से कम उम्र के हैं, अनुसूचित जाति व जनजाति, दिव्यांग व्यक्ति, मनरेगा मजदूर, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जैसे भूकंप आदि, जिस की वार्षिक आय कम है और जो लोग हिरासत में हैं, इस तरह के लोगों को लिए निशुल्क दी जाती है अन्य व्यक्ति से रुपए 30 देकर कानूनी सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य जैसे कि कोई गांव में वृद्ध आदमी जिसको वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है वह यह जानना चाहता है कि उसे वृद्धावस्था पेंशन के लिए क्या करना पड़ेगा तो वह सीधा जन सेवा केंद्र में आकर केस रजिस्टर करा सकता है और हमारा वकील उसको बताएगा कि वह कहां जाकर इस समस्या का निदान पा सकता है।

इसी तरह से यदि कोई महिला किसी घर में प्रताड़ित हो रही है तो वह भी जन सेवा केंद्र में जाकर अपनी समस्या को रजिस्टर करते हुए हमारे वकील द्वारा टेलीफोन के माध्यम से सलाह पा सकती है। इतना ही नहीं अगर उस महिला को किसी वकील की भी जरूरत है तो हमारे जिला विधिक कार्यालय द्वारा वकील भी उपलब्ध कराया जाएगा जो कि नि:शुल्क होगा । लाभार्थी को किसी बारे में कानूनी सलाह चाहिए तो वह अपने साथ आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र, विकलांगता पहचान पत्र लाकर केस रजिस्टर करा सकते हैं।