ऑपरेशन थिएटर में गैंगरेप की पीड़िता ने दम तोड़ा

पवन कुमार पाल, ब्यूरो चीफ प्रयागराज 

प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू (SRN) हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर में जिस युवती के साथ कथित गैंगरेप हुआ था। मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। युवती को यहां 31 मई की रात गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। उसकी आंत का ऑपरेशन हुआ था। मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। सपा नेत्री ऋचा सिंह ने पुलिस और डॉक्टर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि पीड़िता की मौत एक बड़ी साजिश है। पुलिस दोषियों को बचाने में जुटी हुई है। ऋचा ने आरोप लगाया कि एक हफ्ते बाद भी पुलिस ने इस मामले में FIR नहीं दर्ज की। ये बेटी के साथ अन्याय है।

पीड़िता मिर्जापुर से प्रयागराज के स्वरुपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज कराने आई थी। आंत के ऑपरेशन के बाद लौटी युवती अचेत लग रही थी और कुछ कहना भी चाह रही थी। युवती को जब उसके भाई ने पेन और कागज दिया तो उसने कंपकंपाते हाथों से लिखा कि डॉक्टर अच्छे नहीं हैं। सब मिले हैं। कोई इलाज नहीं किया और उसके साथ गंदा काम किया। युवती के लिखते हुए भी उसके चचेरे भाई ने वीडियो बनाया है और उसको भी वायरल कर दिया है।

वीडियो में उसका सगा भाई भी बैठा हुआ है। भाई ने बताया कि पीड़ित मिर्जापुर की रहने वाली है। उसे 31 मई की रात गंभीर हालत में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। देर रात जब उसको वार्ड में छोड़ा गया तो वह कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन बोल नहीं सकी। जब उसे कागज दिया गया तो उसने लिखकर बताया कि चार लोगों ने उसके साथ रेप किया है।

मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं-डॉक्टर्स की एक कमेटी ने जांच के बाद रेप के आरोपों को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गलतफहमी के चलते ये आरोप लगाया गया है। ये मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को भी जांच टीम ने सौंप दी है। हॉस्पिटल प्रशासन पहले ही आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है। प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह का कहना है कि युवती के ऑपरेशन में 8 लोगों की ड्यूटी लगी थी। इसमें 5 लेडी स्टाफ शामिल थीं। 

प्रिंसिपल ने कहा- आंत सड़ चुकी था-
मोतीलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने युवती के भाई के आरोपों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि युवती के आंत में इंफेक्शन था। काफी हिस्सा सड़ चुका था। उसे काटकर अलग किया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई है। इसमें तीन महिला और एक पुरुष डॉक्टर शामिल थे। जांच में भी यही पाया गया है कि युवती और उसका भाई गलतफहमी का शिकार हुए हैं। ऑपरेशन के दौरान 8 मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर की टीम थी। इसमें 5 महिलाएं थीं। आंत के ऑपरेशन से पहले प्राइवेट पार्ट की सफाई होती है और ऑपरेशन के बाद उसमें नली लगाई जाती है, ताकि मरीज पेशाब कर सके। मरीज जब बेड पर आई तब भी उसके प्राइवेट पार्ट में सफाई हुई, ताकि इंफेक्शन न फैले और फिर उसमें पेशाब के लिए नली लगा दी गई। ये सब काम महिला स्टाफ ही करती हैं। ऐसे में हो सकता है कि युवती बेहोशी के हालत में इसे गलत समझ ली हो।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: