


बिजनौर। यहां के लोगों ने साफ कह दिया है कि हम नहीं सुधरने वाले। इन फोटो को एडिट नहीं किया गया है, इनमें इनका समय भी दिखाई देगा। दिन की भीड़ का मामला अलग है। आखिर एक बात समझ नहीं आई कि ऐसा कौन सा काम है जिसके लिए इस समय भी बेफिक्र होकर भटकते हैं लोग। बताया जाता है कि ऐसे लोगों को भटकती आत्मा की श्रेणी में पहुंचने से कोई गुरेज नहीं है। दूसरी ओर यदि पुलिस की फटकती लाठी हो तो शासन प्रशासन को कोसने में भी ऐसे ही लोग अव्वल रहेंगे।