
खन्ना की कुशल रणनीति के आगे सपाई हुए ढेर। शाहजहांपुर में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं भाजपा प्रत्याशी ममता यादव।
लखनऊ (एकलव्य बाण समाचार)। यूपी सरकार के सबसे अनुभवी कैविनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने एक बार फिर साबित कर दिया वह राजनीति के चाणक्य है। शाहजहांपुर में उनकी कुशल रणनीति में फंसकर एक बार फिर से सपाई चारों खाने चित्त हो गए।
वर्ष 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जब सपा सत्ता में थी, उसके पास 38 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। उस समय भी सुरेश खन्ना की कुशल राजनीति के दम पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने अजय प्रताप सिंह यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया। इस बार भी उन्होंने ठानी और निवर्तमान अध्यक्ष की पत्नी ममता यादव को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया। भाजपा के 12 सदस्य ही जीतकर आये थे। सपा ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा, लेकिन कैविनेट मंत्री सुरेश खन्ना की कुशल राजनीति के आगे सपाई चारों खाने चित्त हो गए और पूरे उत्तर प्रदेश में ऐसा कारनामा नहीं हुआ होगा जो शाहजहांपुर में हो गया। भाजपाइयों ने सपा प्रत्याशी को ही तोड़कर अपने खेमे में शामिल कर लिया और नामांकन से नाम वापसी करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध अपने नाम कर लिया।
प्रसाद भवन से शुरू हुई निर्विरोध की पटकथा- भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी को विजय दिलाने में सभी भाजपाई जी जान से जुटे हुए थे। इसी क्रम में नए नए भाजपाई बने जितिन प्रसाद भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी पार्टी प्रत्याशी को विजय दिलाने को लामबंदी शुरू कर दी। उन्होंने अपनी टीम को लगा दिया। सपा ने वीनू सिंह को प्रत्याशी बनाया। वह जितिन के करीबी भन्नु सिंह की मौसेरी भाभी हैं। जितिन प्रसाद ने भन्नु को वीनू सिंह को अपने खेमे में लाने के लिए भेजा और उनका तीर सही निशाने पर लगा। वीनू सिंह भाजपाई हो गईं, जिससे भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध जीत गई।