जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव
आखिर बसपा के किनारा करने के क्या रहे कारण!
लखनऊ (एकलव्य बाण समाचार)। बसपा का जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखी चुनाव से किनारा एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी स्तर पर पार्टी के अंदर मनमुटाव नहीं चाहती हैं, जिससे इसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़े।

राजनैतिक जानकारों का कहना है कि पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखी चुनाव में इसीलिए वोट डालने के लिए कोई फतवा जारी नहीं किया गया। फतवे के बंधन में बांधने का मतलब बिखराव रोक पाना आसान न होता। बसपा ने यूपी के पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में बसपा को 344 सीटें मिली। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य भी काफी संख्या में जीत कर आए थे। बसपा ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख का चुनाव लडऩे का फैसला किया, लेकिन अचानक मायावती ने दोनों चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया। इसके लिए उन्होंने भाजपा द्वारा की जाने वाली धांधली को जिम्मेदार ठहराया।
फिलहाल संगठन पर पूरा जोर-
बसपा सुप्रीमो मायावती का इस समय सारा जो संगठन पर है। सेक्टर स्तर पर संगठन के गठन का काम पूरा हो चुका है। अब बूथ स्तर पर गठन का काम चल रहा है। विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले बसपा संगठन को नए सिरे से तैयार कर लेना चाहती है। इसमें सभी जातियों का समावेश किया जा रहा है, जिससे विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठाया जा सके। मायावती स्वयं मंडलवार इसकी समीक्षा कर रही हैं और जरूरी दिशा-निर्देश दे रही हैं। उनका पूरा ध्यान विधानसभा चुनाव पर है।

