
अहमदाबाद (PIB)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित Centre of Excellence for Research & Analysis of Narcotics and Psychotropic Substances का उद्घाटन किया। श्री शाह ने महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की जाँच पर एक वर्चुअल ट्रेनिंग का भी उद्घाटन किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उद्बोधन के मुख्य बिंदु 👇

दुनियाभर में नेशनल फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता और प्रतिष्ठा को देखते हुए इस सेंटर को स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
देश के क्रिमिनल जस्टिस को और ताकतवर और परिणामलक्षी बनाने के लिए इस विश्वविद्यालय को देश के फलक पर ले जाना बहुत ज़रूरी।
अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है और कठोर से कठोर व्यक्ति को वैज्ञानिक जाँच के आधार पर सजा दिलवाई जा सकती है।

हमारी नई शिक्षा नीति में वैज्ञानिक शिक्षा पर बहुत ज़ोर दिया गया है, प्रधानमंत्री का आग्रह है कि हमारी शिक्षा नीति और व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि विद्यार्थी हर क्षेत्र में सर्वोच्च प्राप्त करें।
इस सेंटर में बनाए गए साइबर डिफ़ेंस सेंटर और बेलेस्टीक रिसर्च सेंटर पूरे एशिया में अपने प्रकार के अनूठे सेंटर हैं और देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।
साइबर वॉर और साइबर क्राइम के ख़िलाफ़ लड़ाई हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण, भारत की सुरक्षा और प्रधानमंत्री के पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए साइबर सुरक्षा बहुत ज़रूरी।
21वीं सदी में भारत के आगे ढेर सारी चुनौतियाँ हैं, इनसे सफलतापूर्वक निपटने के लिए हमें क्रिमिनल जस्टिस को मज़बूत करना होगा, इसके लिए फ़ोरेंसिक साइंस एक महत्वपूर्ण अंग।

सरकार, देशभर के पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, वकीलों और क़ानून विश्वविद्यालयों के साथ CrPC, IPC और Evidence Act तीनों में आमूल चूल परिवर्तन करने के लिए एक बहुत बड़ा संवाद कर रही है ताकि इन्हे आज की आवश्यकताओं के हिसाब से आधुनिक बना सकें।
हमारी पुलिस पर नो एक्शन और एक्स्ट्रीम एक्शन का आरोप लगता है, हमें जस्ट एक्शन चाहिए और यह तभी हो सकता है जब वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर जाँच को आगे बढ़ाएँ।
हमारे समाज, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर मादक पदार्थों का जो बुरा प्रभाव पड़ रहा है इससे पूरा देश चिंतित है।
सरकार ने तय किया है कि हम भारत में नारकोटिक्स पदार्थों को आने भी नहीं देंगे और भारत को उसका रास्ता भी नहीं बनने देंगे।

अपने संबोधन में श्री शाह ने कहा कि कहा कि देश में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनी तब दुनियाभर में नेशनल फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता और प्रतिष्ठा को देखते हुए इस सेंटर को स्थापित करने का निर्णय लिया गया और यह बिल्कुल उचित फैसला था। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब गुजरात फ़ोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनी, तब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वे राज्य के गृह मंत्री थे और जब नेशनल फ़ोरेंसिक सांइस यूनिवर्सिटी बनी तो श्री मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और वे गृह मंत्री हैं। वर्ष 2009 में श्री मोदी ने यहाँ जो एक छोटा सा बीज बोया था, वह आज क्रिमिनल जस्टिस को मज़बूत बनाने के लिए एक विशाल बट वृक्ष बन गया है।
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, प्रदेश के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, केन्द्रीय गृह सचिव और केन्द्र तथा राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजद थे।

