
- कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन पर पर्यटकों को लौटाया।
- आने से पहले कोविड की निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना जरूरी।
- होटल में भी पहले से ही बुकिंग करवाकर आना होगा।
- जरूरी कागजात नहीं थे, इसलिए लौटाया।
देहरादून (5एकलव्य बाण समाचार)। उत्तराखंड में नैनीताल और मसूरी की तरफ आने वाली लगभग 5 हजार से ज्यादा गाड़ियों को वापस भेज दिया गया है। इन पर कोविड गाइड लाइन्स के अनुसार कागजात, होटल रिजर्वेशन आदि नहीं थे ऐसा ही हाल मशहूर पर्यटक स्थल धनौल्टी का भी है
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आते ही पर्यटकों ने पहाड़ी इलाकों की ओर रुख किया हुआ है। इसके बाद प्रशासन की ओर से सख्ती की गई।
प्रशासन की सख्ती का असर न केवल पर्यटकों पर पड़ रहा है बल्कि उन लोगों पर भी पड़ रहा है, जिनकी रोजी-रोटी पर्यटन पर चलती है। धनौल्टी में भी लगभग अलग-अलग जगह से आने वाले 10,000 से ज्यादा लोग यहां तक पहुंचने से वंचित हो गए हैं।
क्या है नियम?
कोविड-19 के दौर में उत्तराखंड में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को लेकर पिछले हफ्ते सरकार ने नए नियम जारी किए थे। इसके तहत बिना होटल रिजर्वेशन और कोविड की निगेटिव रिपोर्ट के कोई भी पर्यटक पर्यटन स्थल पर नहीं जा सकता।
बीते दिनों नैनीताल प्रशासन ने आदेश जारी कर आने वाले पर्यटकों के लिए तीन शर्तें रखी थीं। पहली शर्त ये थी कि यहां आने वाले पर्यटकों को देहरादून सिटी पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। दूसरी ये कि 72 घंटे से पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए और तीसरी शर्त थी कि होटल में रिजर्वेशन होना चाहिए। इसके अलावा नैनीताल में बगैर मास्क पहने घूमते पाए जाने पर पर्यटकों से 500 रुपये का जुर्माना भी लिया जा रहा है।
