पाकिस्तान किसी अहिंसा के पुजारी बापू का देश नहीं…!

🙏बुरा मानो या भला 🙏
पाकिस्तान किसी अहिंसा के पुजारी बापू का देश नहीं है 
—मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री”

पाकिस्तान में एक बार फिर से एक मंदिर को निशाना बनाया गया। ताज़ा मामला पंजाब प्रांत के सादिकाबाद जिले के भोंग शरीफ गांव का है जहां सिद्धिविनायक मंदिर के अंदर बुधवार शाम जमकर तोड़फोड़ की गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।इस ख़बर को लेकर पूरे भारत में हंगामा मचा हुआ है, लेकिन कोई यह भी तो बताए कि आख़िर पाकिस्तान में किसी मंदिर का टूटना, किसी हिन्दू का जबरन धर्म-परिवर्तन, किसी हिन्दू का क़त्लेआम या फिर किसी हिन्दू बहन-बेटी की अस्मत लुटना कब से आठवां अजूबा बन गया है।

अरे भाई, पाकिस्तान किसी अहिंसा के पुजारी, किसी संत-महात्मा बापू का देश नहीं है। वह मौहम्मद अली जिन्ना का पाकिस्तान है, जिसने “डायरेक्ट एक्शन” के नाम पर हजारों-लाखों हिंदुओं का कत्लेआम करा दिया था। जिस पाकिस्तान की नींव ही हिंदुस्तानियों के खून से सींची गई हो, उससे आप शांति के कबूतर उड़ाने की उम्मीद रख भी कैसे सकते हैं?आप भूल गए कि यह वही पाकिस्तान है, जिसको 55 करोड़ रुपए की ख़ैरात दिलवाने के लिए हमारे देश के “बापू” ने अन्न-जल त्याग दिया था। इस पाकिस्तान के सर पर जो छत पड़ी थी, वह भी “तुष्टिकरण के महात्मा”  की ही देन थी।
पाकिस्तान के “क़ायदे आज़म” ने एक गाल पर थप्पड़ ख़ाकर दूसरा गाल आगे करना नहीं सिखाया, लेकिन हमारे “राष्ट्रपिता” ने सदैव हमें थप्पड़-घूंसे ख़ाकर चुप रहना ही सिखाया है। …जिसकी सज़ा हम आज तक भुगत रहे हैं और न जाने कब तक भुगतते रहेंगे।एक ओर पाकिस्तानी पुलिस है, जो मंदिरों और गुरुद्वारों के खण्डित होने को चुपचाप देखती रहती है, और दूसरी तरफ हमारे देश की पुलिस के जवान हैं जो फ्लाई ओवर, रेलवे प्लेटफार्म और रेलवे लाइनों पर बनी मजारों-दरगाहों की सुरक्षा में दिन-रात लगे रहते हैं, और उनकी तनख्वाह हमारी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई के पैसे से दी जाती है। 
एक हमारे माननीय “नेताजी” थे, जिन्होंने एक मुगल आक्रांता की गुलामी की निशानी को बचाने के लिए अपने ही देशवासियों का खून बहाकर अपनी पीठ थपथपाई थी। दूसरी तरफ़ पाकिस्तान की सरकार है जिसने दो हमदर्दी के शब्द भी कभी नहीं बोले जबकि पाकिस्तान में रोज़ कहीं न कहीं एक मंदिर टूटता है।
 पाकिस्तान में “सेक्युलर” नहीं रहते जबकि हिंदुस्तान “सेक्युलर बुद्धिजीवियों” की धर्मशाला बन गया है। इस देश में जयचन्दों की कोई कमी नहीं है, यहां कदम-कदम पर जयचंद, ज्ञानचंद और रायचंद मिल जाएंगे। मज़े की बात तो यह है कि हम पाकिस्तान में मंदिर टूटने का शोक मना रहे हैं, लेकिन जब अपने ही देश की राजधानी में मां दुर्गा और भगवान हनुमान का मंदिर टूटा था तब हमने किसी का क्या बिगाड़ लिया था? 500 साल तक हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम बेघर रहे, तब हमने कौन से तीर मार लिए थे।
हम बापू के देश में रहते हैं हमें कोई हक़ नहीं कि हम कोई विरोध प्रदर्शन करें, बस एक गाल पर थप्पड़ ख़ाकर दूसरे गाल के लाल होने की प्रतीक्षा करते रहो।

विशेष नोट- उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। समाचार पत्र, newsdaily24 के सम्पादक मंडल का उनसे सहमत होना न होना आवश्यक नहीं है। हमारा उद्देश्य जानबूझकर किसी की धार्मिक-जातिगत अथवा व्यक्तिगत आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाने नहीं है। यदि जाने-अनजाने ऐसा होता है तो उसके लिए हम करबद्ध होकर क्षमा प्रार्थी हैं।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: