अफगानिस्तान से निकाले गए भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी, IAF के C-17 ग्लोबमास्टर ने 120 नागरिकों के साथ काबुल से भरी उड़ान

काबुल.अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही हालात बिगड़ने लगे हैं। इस खतरे के बीच अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारियों को निकाल लिया गया है। मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के विमान ने आज सुबह कर्मचारियों और सभी जरूरी दस्तावेजों को लेकर राजधानी काबुल के एयरपोर्ट से उड़ान भरी। तालिबान के लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा कर लिया है।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान ने काबुल से 120 से अधिक भारतीय अधिकारियों के साथ उड़ान भरी है। इन लोगों को बीती देर शाम एयरपोर्ट के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया। गौरतलब है कि तालिबान का काबुल पर कब्जा हो चुका है।
सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान में कई भारतीय मौजूद हैं, जो स्वदेश वापस लौटना चाहते हैं। फिलहाल वे हिंसा वाले इलाकों से दूर सुरक्षित क्षेत्रों में हैं। सरकार उन्हें एक या दो दिनों में सुरक्षित घर वापस लाएगी। माना जा रहा है कि इसके लिए विशेष विमान भेजा जा सकता है। इससे पहले, अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों की संख्या को सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों के चलते नहीं बताया गया है। रविवार रात को भी एक विमान काबुल पहुंचा और वहां से कुछ भारतीय यात्रियों के साथ सोमवार सुबह भारत लैंड हुआ था। वहीं, दूसरा विमान भी अपने रास्ते पर है, जल्द ही भारत लौटने वाला है। सूत्रों ने बताया है कि इन दोनों को अभी काबुल के कई चक्कर लगाने हैं।

इससे पहले सोमवार को भारत सरकार ने कहा कि वह अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात के बीच अपने नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के अफगानिस्तान से भारत लौटने समेत दूसरे मामलों के लिए एक विशेष ‘अफगानिस्तान सेल’ का गठन किया है। लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए एक मोबाइल नंबर और एक ईमेल आईडी भी जारी की गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ रही स्थिति पर नजर बनी हुई है। भारत लौटने वाले लोगों को लेकर सहयोगियों से चर्चा हो रही है।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और सुरक्षा परिषद (UNSC) के अध्यक्ष राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सोमवार को अफगानिस्तान में शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि किसी भी स्वीकृति और वैधता के लिए एक ऐसा राजनीतिक समझौता होना चाहिए जो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान करे। तिरुमूर्ति ने कहा कि ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की टिप्पणी ‘अत्यंत महत्वपूर्ण है और परिषद के सदस्यों को इसे स्वीकार करने की आवश्यकता है।’
टीएस तिरुमूर्ति ने भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान मामले पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि परिषद के सदस्यों ने भी इस तथ्य की पुष्टि, ‘हमें शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता है। परिषद के सदस्यों के बीच यह भावना भी है कि स्वीकृति और वैधता के लिए एक राजनीतिक समझौता होना चाहिए जो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान करे।’ भारत की अध्यक्षता में लगभग दस दिन बाद अफगानिस्तान के हालात पर दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई है।