लखनऊ। उच्च न्यायालय लखनऊ ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश के आयुक्त को तलब किया है। उन्हें आगामी 9 सितंबर को उच्च न्यायालय में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।
न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थित तथा न्यायमूर्ति अब्दुल मुईन की पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उक्त आदेश दिया। बीके सिंह एडवोकेट ने जनहित याचिका में दलील दी है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 केंद्र सरकार द्वारा बनाकर 5 अगस्त 2011 से लागू कर दिया गया, किंतु आज तक न तो फल सब्जी, मीट, मछली, अल्कोहल, दूध, खाद्य तेल, इत्यादि के लिए कोई माइक्रोबायोलॉजिकल लैब का निर्माण किया गया और न ही कोई माइक्रोबायोलॉजिस्ट उत्तर प्रदेश में नियुक्त हुआ। फ्रेश तथा हाइजीनिक खाद्य पदार्थ के लिए बनाए गए कानून केवल होली, दीवाली जैसे अवसरों पर होटलों/ रेस्ट्रॉन्टों तथा मिठाई की दुकानों तक सीमित रह गया है।