तुर्की ने जारी की पीएम मोदी के नाम पर डाक टिकट, सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा

तुर्की सरकार द्वारा जारी एक डाक टिकट, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और भारतीय राष्ट्रध्वज दिखाई दे रहे हैं, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। डाक टिकट पर नीचे अंकित वाक्य इस प्रकार है- “भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”। एक ट्विटर उपयोगकर्ता @Pooja09876089 ने इस डाक टिकट की तस्वीर यह कहते हुए ट्वीट की है – “तुर्की ने टिकिट निकाल दिया हमारे यहां गाली देने से ही फुर्सत नहीं है।”

भारतीय जनता पार्टी, असम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी इस डाक टिकट की तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि भारतीय राजनीति के सबसे महान नेताओं में से एक होने के कारण प्रधानमंत्री को बड़ा सम्मान प्रदान किया गया है।

इस डाक टिकट के आधार पर सोशल मीडिया में कई व्यक्तियों ने दावा किया है कि यह तुर्की की प्रतीकात्मक स्वीकृति है कि पीएम मोदी ‘महान नेताओं में से एक हैं’। यह दावा फेसबुक और ट्विटर पर कम से कम नवंबर, 2015 से वायरल हो रहा है।
यह सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए नहीं

यह डाक टिकट वास्तव में तुर्की ने जारी किया था, मगर केवल पीएम मोदी के लिए नहीं, जैसा सोशल मीडिया में दावा किया गया है। जी-20 के अंताल्या शिखर सम्मेलन के दौरान, जो 15 नवंबर, 2015 को आयोजित हुआ था, द तुर्किश पोस्टेज (PTT) द्वारा स्मारक शृंखला के तहत इस शिखर सम्मेलन में उपस्थित सभी नेताओं के व्यक्तिगत डाक टिकट जारी किए गए थे।
जी-20 तुर्की के आधिकारिक हैंडल ने भी इस विशेष संस्करण स्टाम्प संग्रह की एक तस्वीर पोस्ट की थी।
बिजनेस टुडे द्वारा 19 नवंबर, 2015 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, “कुल मिलाकर, दुनिया और यूरोपीय संघ की 19 सबसे बड़ी और शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं सहित 33 टिकट जारी किए गए थे।” (अनुवाद)
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे जैसे अन्य प्रमुख विश्व नेताओं के डाक टिकट भी जारी किए गए थे।

भ्रामक कैप्शन
गौरव प्रधान और आलोक गुप्ता, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किया जाता है, ने उसी सन्देश के साथ इस तस्वीर को ट्वीट किया है।
हालांकि, यह सच है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत डाक टिकट जारी किया गया था, मगर, यह बताना कि यह भारतीय राजनीति के “सबसे महान नेताओं में एक” के सम्मान में था, केवल अतिशयोक्ति है। यह कोई पहली बार नहीं है, जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री को अंतर्राष्ट्रीय डाक टिकट में छापा गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन में उपस्थित सभी विश्व नेताओं पर जारी स्मारक डाक टिकट को वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा अर्जित विशेष और अनूठी स्वीकृति के रूप में दर्शाने का प्रयास, सोशल मीडिया में चल रहे राजनीतिक प्रचार को रेखांकित करता है।