राम मंदिर: तिरुपति देवस्थानम की तर्ज पर होगी दर्शन व्यवस्था

अयोध्या (एजेंसी)। रामजन्मभूमि में निर्माणाधीन भगवान राम मंदिर में कई तरह की विशिष्टताएं शामिल होंगी। मंदिर के वैज्ञानिक पद्धति से निर्माण के अलावा तिरुपति देवस्थानम की तर्ज पर ही दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। हर आम और खास एक साथ दर्शन कर सकेंगे। सुरक्षा के कारणों से आम दर्शनार्थियों को रोकने के बजाय गैलरियां अलग-अलग कर दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त दर्शन की ऐसी व्यवस्था रहेगी कि रामलला की परिक्रमा करते हुए श्रद्धालु 24 घंटे परिसर में व्यतीत कर सकेंगे।

रोपी जाएंगी रामायणकालीन वनस्पतियों की पांच सौ प्रजातियां- रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि परिसर का अधिकांश भाग खुला होगा। पर्यावरण को स्वच्छ और हरियाली से भरपूर रखने के लिए यहां मौजूदा वृक्षों को काटा नहीं जाएगा बल्कि उन्हें जड़ों के साथ निर्धारित स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके साथ रामायणकालीन वनस्पतियों की पांच सौ प्रजातियों को रोपित किया जाएगा। बताया गया कि रामजन्मभूमि परिसर में कूड़ा निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के लिए वाटर प्लांट एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया जाएगा।

वाहन पार्किंग व यात्री सुविधाओं के लिए व्यवस्था

रामजन्मभूमि ट्रस्ट महासचिव के अनुसार राम मंदिर का निर्माण भले ही तीन एकड़ में होगा लेकिन इसका परिसर दस एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में होगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के बाहर साढ़े छह एकड़ की परिधि में परकोटे का निर्माण होगा। यह परकोटा जोधपुर के पत्थरों से निर्मित होगा। इसके बाहर रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। रिटेनिंग वॉल का निर्माण सुपर स्ट्रक्चर के तीन तरफ अर्थात पश्चिम दिशा के अलावा उत्तर व दक्षिण में भी होगा। पूरे राम मंदिर के स्ट्रक्चर में अकेले रिटेनिंग वॉल में ही लोहे का उपयोग किया जाएगा। लोहे का जाल बनाकर कांक्रीटिंग की जाएगी।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व इंचार्ज/क्राइम रिपोर्टर दैनिक जागरण उरई (जालौन), मेरठ, बिजनौर, धामपुर, मुजफ्फरनगर। पूर्व महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष ऑल मीडिया एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन।

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