
लखनऊ। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के अध्यक्ष राम निवास यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 26 सितम्बर2021 को डिफेंस एक्सपो वृन्दावन योजना लखनऊ उत्तर प्रदेश में किसान कल्याण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में हमारी राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने सम्मिलित होने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम देश एवं प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रदेश की अन्य किसान यूनियन भी सम्मिलित हो रही है एवं भारी संख्या में प्रदेश भर के किसान भाई सम्मिलित हो रहे है।

यूनियन के अध्यक्ष राम निवास यादव ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की योगी सरकार किसान भाईयों की आय बढाने हेतु लगातार कार्य कर रही है लेकिन कुछ कथित किसान यूनियन नेता राजनैतिक कारणों से कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं। ऐसे कथित किसान नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए राम निवास यादव ने कहा कि आज पूरे देश का किसान नये कृषि बिलों का स्वागत एवं समर्थन करते हुए बिल के साथ है तो वहीं कुछ तथाकथित किसान नेता कुछ राजनैतिक दलों से साँठ-गाँठ कर किसान भाईयों के कृषि बिलों का विरोध कर भ्रमित कर रहे हैं जबकि इनका उद्देश्य किसान हित न होकर अपनी-अपनी राजनैतिक जमीन बनाना है।

इन कथित किसान नेताओं की करतूते पूरे देश का किसान अच्छी तरह देख एवं समझ रहा है। देश का असली किसान इन कथित किसान नेताओं का साथ नहीं दे रहा है, जिससे यह बौखलाकर बिचौलियों एवं कुछ राजनैतिक दलों के साथ साँठ-गाँठ करके मोदी सरकार को बदनाम करने की नीयत से आन्दोलन को चला रहे हैं, जबकि किसान मसीहा स्व0 महेन्द्र सिंह टिकैत ने सबसे पहले किसानों की इन्ही मांगों को लेकर आन्दोलन किया था, जिसको पूर्ववर्ती सरकारें लागू करने का साहस नहीं दिखा पायी थीं। किसानों को बिचौलियों से मुक्त किया जाये तथा देश के किसानों को अपनी फसल को अपने दामों में प्रदेश एवं देश में कही भी बेचने की अनुमति दी जाये। इसके साथ ही खेती एवं कृषि यंत्रों में भी अन्य उद्योगों की तरह सहूलियतें दी जाये। इसको मोदी सरकार ने कृषि बिलों के माध्यम से लागू किया है। राम निवास यादव ने कहा कि आज जब मोदी सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार किसान हितों के लिए कृषि बिल लागू किया है तो कुछ कथित किसान नेता इन बिलों का विरोध करने लगे हैं, ऐसे किसान नेताओं का हमारी राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन घोर विरोध एवं निन्दा करती है।