
15 साल पुराने वाहन घर से उठाकर कबाड़ करेगी दिल्ली सरकार। पहले डीजल गाड़ियों पर कार्रवाई का
आदेश जारी।
राहत: कोई जुर्माना नहीं- परिवहन विभाग के मुताबिक सरकार वाहनों को घरों से टो करने के लिए कोई जुर्माना नहीं लगाएगी। वाहन की हालत के हिसाब से उसे प्रति किलो अधिकतम 25 रुपए के हिसाब से भुगतान होगा।
अनुमान: कितना मिलेगा- महिन्द्रा कंपनी वाहन कबाड़ भी करती है। उसके प्रतिनिधि के मुताबिक 8000 से लेकर इनोवा वाहन पर 80 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। हर वाहन के दाम उसकी सेहत देखकर लगते हैं।
नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली में अब घरों में खड़े 15 साल पुराने वाहनों को सरकार जब्त करके सीधे कबाड़ (स्क्रैप) कराएगी। पहले चरण में सिर्फ डीजल वाहनों पर कार्रवाई होगी। उसके बाद पेट्रोल और दुपहिया वाहनों पर यह अभियान आगे बढ़ाया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। कबाड़ कराने के बाद जो पैसा मिलेगा उससे टो शुल्क काटकर बाकी पैसा वाहन मालिक को दे दिया जाएगा।

पहले चरण में 1.5 लाख वाहन दायरे में: पहले चरण में डीजल के 15 साल पुराने 1.5 लाख वाहन इस अभियान के दायरे में आएंगे। वाहनों को कबाड़ करने के लिए परिवहन विभाग ने सात कंपनियों को भी चिन्हित कर लिया है। परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून (एनजीटी) के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चल सकते है। पहले चरण में 10 से 15 साल के बीच के डीजल वाहनों को छूट रहेगी। इसके बाद इन्हें भी कबाड़ किया जाएगा।
पुराने पेट्रोल वाहन 38 लाख: दिल्ली में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 38 लाख से अधिक है, जबकि 15 साल पुराने डीजल वाहनों की संख्या 1.5 लाख है। इसके अलावा 10 से 15 साल पुराने डीजल वाहनों की संख्या 7700 है, जिसे दिल्ली में चलने की अनुमति नहीं है। इस संबंध में परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हमारा मकसद लोगों को डराना नहीं है बल्कि उन्हें जागरूक करना है, जिससे लोग खुद ऐसे वाहनों को कबाड़ कराने के लिए आगे आएं।
विदित हो कि दिल्ली सरकार ने अखबारों में विज्ञापन देकर पुरानी गाड़ियों को चलाने पर रोक लगाने की बात कही है। यह निर्देश दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से जारी किया गया है। इस निर्देश में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल के आदेश का हवाला दिया गया है। आदेश के मुताबिक 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को दिल्ली की सड़कों पर नहीं चलने देना है।
पिछले आदेशों का हवाला- आदेश में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल की ओर से 07 अप्रैल 2015 को जारी आदेश के बारे में बताया गया है। इसी संदर्भ में 29 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक आदेश का भी जिक्र किया गया है, जो एमसी मेहता बनाम भारत सरकार एवं अन्य से संबंधित है। इन दोनों आदेशों को देखते हुए 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में चलाने पर अब रोक होगी।
पॉलिसी के तहत निजी गाड़ी 20 साल बाद और कमर्शियल गाड़ी को 15 साल बाद ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट कराना होगा। इस टेस्ट को पास न करने वाले वाहनों को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त किया जाएगा, जो गाड़ियां फिटनेस टेस्ट पास करेंगी, उन गाड़ियों को चलाने की अनुमति दी जाएगी। अनफिट गाड़ियों को स्क्रेपेज पॉलिसी के तहत कबाड़ में भेज दिया जाएगा। पूर्व में दिल्ली परिवहन विभाग ऐलान कर चुका है कि 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों या 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
स्क्रेपर की लिस्ट- परिवहन विभाग ने ऑथराइज्ड स्क्रेपर की लिस्ट बनाई है, जहां गाड़ियों को स्क्रेप कराया जा सकता है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने स्क्रेपर की लिस्ट www.http://transport.delhi.gov.in पर जारी की है, जहां डिटेल सूची देखा जा सकता है। जो वाहन मालिक इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनकी गाड़ियों को जब्द किया जाएगा और मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या हैं नियम?- फिटनेस टेस्ट में जो गाड़ी पास हो जाएगी, उसके लिए दुबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लेकिन री-रजिस्ट्रेशन की फीस अभी के मुकाबले 10 गुना तक ज्यादा देनी होगी। अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में पास नहीं होती तो उसे स्क्रेप कराना होगा। एक आंकड़े के मुताबिक देश भर में लगभग 1 करोड़ गाड़ियां ऐसी हैं जो अनफिट हैं और उनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है। इन 1 करोड़ गाड़ियों को सड़क से हटाया जाए तो 15-20 परसेंट तक प्रदूषण में कमी आएगी।
मंत्रालय की गाइडलाइंस लागू होंगी या फिर कोर्ट के पुराने आदेश!
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली को लेकर स्थिति बड़ी अजीब है और लोगों में यही कन्फ्यूजन है कि मंत्रालय की गाइडलाइंस लागू होंगी या फिर कोर्ट के पुराने आदेश लागू रहेंगे। वहीं परिवहन मंत्री ने विभाग को आदेश दिया है कि इस मसले पर आम लोगों के सवालों को ध्यान में रखते हुए ऐप्लीकेशन फाइल करने का फैसला किया जाए। उसके बाद कोर्ट और एनजीटी, केंद्रीय गाइडलाइंस के हिसाब से अपने आदेशों को रिव्यू करने के बारे में फैसला ले सकते हैं। परिवहन विभाग के पास लोगों के लगातार सवाल आ रहे हैं कि क्या केंद्रीय गाइडलाइंस दिल्ली में भी लागू होंगी।
पुराने वाहनों को लेकर केंद्र सरकार की पॉलिसी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पुरानी गाड़ियों को लेकर तैयार किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, 1 अप्रैल 2022 से 15 साल पुराने सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं होगा। इस प्रस्ताव पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर सभी हितधारकों के सुझाव मांगे गए थे। मालूम हो कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में वॉलेंट्री व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने की घोषणा की है। इस पॉलिसी के तहत पर्सनल की 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल बाद ऑटोमेटिड फिटनेस टेस्ट कराना होगा। इस टेस्ट को पास ना करने वाले वाहनों को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही ऐसे वाहनों को जब्त किया जाएगा।
