
लोहा गरम है, किसान चोट कर दे। बढ़े हुए 25 रुपए वापस ले ले सरकार। डीजल आदि हर चीज का दाम पांच साल पहले जैसा कर दे।

बिजनौर। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्तूबर तक ब्याज सहित गन्ना भुगतान के निर्देश दिए हैं। सरकार पर कोर्ट का दबाव है। मिल मालिकों से एक बार ब्याज ले लिया तो फिर कभी किसान को भुगतान के लिए धरना नहीं देना होगा।

अमरोहा में आयोजित गन्ना ब्याज हुंकार रैली में जाने से पहले बिजनौर पहुंचे वीएम सिंह ने गन्ना समिति में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसान को लागत का डेढ़ गुना वादा करने वाली सरकार अब गन्ने में चार साल बाद केवल 25 रुपए बढ़ा रही है। सरकार ये बढ़ी रकम वापस ले ले और डीजल आदि हर चीज का दाम पांच साल पहले जैसा कर दे। गन्ना दाम कम से कम 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि 25 साल हम लड़े। पिछली सरकार ने ब्याज माफ कर दिया। लोहा गरम है, किसान चोट कर दे। चुनाव आ गए हैं, योगी जी को पता चल जाएगा। ब्याज मिल जाए तो हर एकड़ पर किसान के घर मे 25-25 हजार रुपए ब्याज आ जाएगा, उसके त्योहार अच्छे मन जाएंगे। कई मिल ग्रुप ऐसे भी हैं जो किसानों को विलंब भुगतान का ब्याज देने के नाम पर नुकसान दिखा रहे थे और अब कई कई चीनी मिल खोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान न मिलने पर किसान को गन्ना समिति को ब्याज देना पड़ता है तो किसान को भी सरकार से ब्याज लेने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने ब्याज सहित भुगतान देने को कहा है। सरकार पर कोर्ट का दबाव है।

लखीमपुर खीरी प्रकरण में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय शर्मा के गलत बयान की वजह से किसान भड़के और ये हादसा हुआ। मंत्री पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उनके साथ वेस्ट यूपी महासचिव कैलाश लांबा, जिलाध्यक्ष विनोद कुमार आदि रहे।