
November 4, 20211 navdhardna.com

बिजनौर। कोरोना और डेंगू की परेशानियों से दूर आज खुशियों के दीप घर-घर में जगमग होंगे। घरों से लेकर बाजारों तक में उल्लास है। सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखों की अनुमति दी तो प्रशासन ने भी आज आतिशबाजी के लिए दो घंटे निर्धारित किए हैं। रंगोली, बंदनवार से सजे घरों को रंगबिरंगी झालरों से सजाने के बाद महालक्ष्मी के आगमन के लिए तैयार किया गया है। शाम को घरों और प्रतिष्ठानों में शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीगणेश और महालक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद हरित पटाखों की धूम मचेगी। महालक्ष्मी के स्वागत के लिए पूरा शहर सज-धजकर तैयार है। हर गली-मोहल्ले, कॉलोनी, बाजार, शोरूम को सतरंगी रोशनी से सजाया गया है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार दिवाली पर महालक्ष्मी के पूजन के लिए चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान श्री गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल छिड़क कर उस स्थान एवं आसन को पवित्र करें। मां लक्ष्मी के समीप केसर युक्त चंदन से अष्टदल कमल बनाकर चांदी का सिक्का रखकर पूजा करें। गणेश लक्ष्मी को वस्त्र, आभूषण, पुष्पमाला, केसर, चंदन, अक्षत, इत्र अर्पित करें। प्रतिमा के दाहिनी ओर शुद्ध घी का दीपक जलाएं और बायीं ओर तेल का दीपक जलाकर रखें। मां सरस्वती पूजन के निमित्त बहीखाते, कॉपी, पेन का पूजन करें। रुपये रखने के स्थान पर स्वास्तिक बनाकर कुबेर भगवान का पूजन करें। दवात की शीशी या पेन लेखनी पर काली मां का पूजन करना चाहिए। भगवान श्रीगणेश एवं महालक्ष्मी को पांच प्रकार की मेवा, पांच फल, पांच मिठाई, खील बताशे, नैवेद्य, पान, सुपारी, इलायची लौंग अर्पित करें। सभी देवी देवताओं को नैवेद्य अर्पित करें। 21 दीपक मां लक्ष्मी के समीप प्रज्ज्वलित करें। घर के सभी कमरों के कोने-कोने में दीपमाला का प्रकाश फैलाएं। धूप दीप से आरती करें।

पूजन का समय
घरों में - शाम 6:30 बजे से रात 8:26 बजे तक।
दफ्तरों के लिए - प्रात: 10.30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक।
व्यापारिक प्रतिष्ठान – शाम 4:28 बजे से 6:00 बजे तक।
दिवाली पर 51 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग
दिवाली पर बृहस्पतिवार को चित्रा व स्वाति नक्षत्र के बीच लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बेला में प्रति और चतुस्पद का दुर्लभ योग 51 साल बाद बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय और शिवशरण पाराशर ने बताया कि गोधूलि बेला शाम 5:30 बजे से 8:15 बजे तक रहेगी। रात्रि बेला में चित्रा स्वाति का संयोग, प्रीति और चतुस्पद योग निशीथ बेला में सिंह लग्न रात्रि 12:40 से 3 बजे के बीच रहेगा।
