
बिजनौर। गंगा मेले में हेलीकॉप्टर तो पहुंचा लेकिन पुष्पवर्षा नहीं हो सकी। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से माफी मांगी।

बुक किया जिला पंचायत ने, पहुंच गए नेता जी
दरअसल, जिला पंचायत की ओर से बुक किया गया हेलीकॉप्टर पहुंच नहीं पाया और जो पहुंचा उसे मेला क्षेत्र पर उड़ने की अनुमति नहीं थी। घंटों चली जद्दोजहद के बाद पुष्पवर्षा के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

मौसम की खराबी के चलते नोएडा से हेलीकॉप्टर उड़ नहीं पाया। जानकारी करने पर प्रभु हेली सर्विस कंपनी ने जिला पंचायत अधिकारियों को बताया कि उन्होंने देहरादून की आर्यन एविएशन को बुकिंग ट्रांसफर कर दी है। करीब तीन बजे एक हेलीकॉप्टर बिजनौर की पुलिस लाइन में उतरा। उसका दरवाजा खोला गया तो उसमें पहले से ही भाजपा नेता प्रिंस चौधरी एक अन्य साथी के साथ बैठे हुए थे और फूल भी रखे थे। इस पर जिला पंचायत के अधिकारियों और अन्य भाजपा नेताओं ने बुकिंग कंपनी से संपर्क साधा। साथ ही प्रिंस चौधरी से हेलीकॉप्टर से उतरने के लिए कहा गया। प्रिंस ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर उन्होंने बुक किया है। घंटों तक चली जद्दोजहद के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। बाद में पुष्प वर्षा के कार्यक्रम को ही रद्द कर दिया गया।

विदुर कुटी के पास गंगा की रेती में लगे कार्तिक पूर्णिमा मेले में शुक्रवार को 11 बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक पुष्प वर्षा का कार्यक्रम गुरुवार की देर शाम ही तय कर लिया गया था। जिला पंचायत ने करीब दो लाख रुपए में नोएडा की प्रभु हैली सर्विस कंपनी में बुकिंग की थी। प्रशासन की ओर से पुष्प वर्षा के लिए प्रभु एविएशन कंपनी को अनुमति भी दे दी गई।

बताया गया है कि सुबह नौ बजे ही जिला पंचायत अध्यक्ष साकेंद्र चौधरी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनोद राठी समेत अन्य लोग तीन कट्टों में फूल लेकर पुलिस लाइन पहुंच गए थे। उन्हें हेलीकॉप्टर में सवार होना था। वहीं प्रिंस चौधरी पहले से हेलीकॉप्टर में पुष्प लिए बैठे रहे। कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हुआ और पुष्प वर्षा करने के अरमानों पर पानी फिर गया। पुष्पवर्षा की सियासत में भाजपा में दावेदारों के बीच की गुटबंदी भी सामने आ गई। एएमए श्याम बहादुर शर्मा ने बताया कि कंपनी से अपने रुपए वापस मांगे हैं। करीब आधे वापस मिल गए हैं और बाकी रुपए भी लिए जाएंगे।शाम होने तक जब मामला नहीं निपटा तो उड़ान भरने की अनुमति नहीं होने के कारण हेलीकॉप्टर को खड़ा रखना पड़ा। हेलीकॉप्टर को रस्से से बांध कर कवर से ढक दिया गया।