
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को उनके ही मंत्री ने बड़ा झटका दिया है। भाजपा के बड़े नेता और योगी सरकार के श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भाजपा से इस्तीफा दे कर समाजवादी पार्टी का हाथ थाम लिया है। उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी की। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा भेजा है। मौर्य ने मौजूदा सरकार में दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे व्यापारियों की उपेक्षा होने का आरोप लगाया है।
योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पत्र में लिखा है कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.”
वहीं मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मौर्य का स्वागत करते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि, “सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा.”
अखिलेश से सीधे संपर्क में थे स्वामी प्रसाद मौर्य!
पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी का दामन छोड़कर अखिलेश यादव की साईकिल पर सवार हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्वॉइनिंग मामले को सीधे अखिलेश यादव देख रहे थे और बातें उनके स्तर पर ही हो रही थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
अखिलेश कर रहे पिछड़ी जाति की गोलबंदी
पिछले चुनाव में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपने तरफ मोड़ने में लगे हैं। यही वजह है कि छोटे छोटे दलों से गठबंधन के अलावा उन्होंने पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य इस अभियान का हिस्सा हैं।
दो और मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा मंत्री धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान के भी इस्तीफे की अटकलें हैं। धर्म सिंह और दारा सिंह दोनों उनके खेमे के माने जाते हैं। तीनों योगी सरकार में मंत्री हैं, लेकिन तीनों बीएसपी के बड़े नेता रहे हैं और बसपा सरकार में भी मंत्री रहे हैं। ऐसे में इन तीनों के भाजपा छोड़ने की चर्चा है।
संघमित्रा के भाषण में हुई थी टोकाटाकी
पिछले दिनों लखनऊ के कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य को जब बोलते वक्त टोकाटाकी की गई थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के सामने ही अपनी नाराजगी दिखाते हुए माइक छोड़ दिया था हालांकि बाद में उन्हें मना कर वापस भाषण देने के लिए कहा गया।
स्वामी प्रसाद के सपा में आने की वजह ऊंचाहार सीट
स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य रायबरेली की ऊंचाहार सीट से पिछले बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, हालांकि बहुत कम अंतर से वह चुनाव हार गए थे लेकिन कहा यह जा रहा है कि बीजेपी से वह सीट जीतना बेहद मुश्किल है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को अगर यह सीट जीतनी है तो समाजवादी पार्टी से ही वह जीत सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी एक बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को ऊंचाहार सीट से टिकट देने को तैयार है लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को लगता है कि इस सीट के लिए समाजवादी पार्टी ही मुफीद है।