रणनीति के चलते प्रचार अभियान में अन्य दलों से आगे निकलते दिख रहे बसपा प्रत्याशी डा. शकील हाशमी। चिकित्सा के माध्यम से कर रहे क्षेत्र की जनता की सेवा।

चांदपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान में बहुजन समाज पार्टी अन्य दलों से आगे निकलती दिख रही है। पार्टी प्रत्याशी डा. शकील हाशमी जनसंपर्क के दौरान 2007 से 2012 तक के बसपा सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिना कर मत एवं समर्थन मांग रहे हैं। लोग भी उनकी बेदाग छवि और समाजसेवी कार्यों को देखते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन देने से पीछे नहीं हट रहे। वह पिछले करीब 15 वर्ष से बाईपास रोड स्थित अपने कफील नर्सिंग होम के माध्यम से क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहे हैं।

गिना रहे बसपा सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां- मिनी छपरौली के नाम से विख्यात चांदपुर विधानसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी डा. शकील हाशमी सुबह से ही जनसंपर्क में जुट जाते हैं। कार्यक्रम के तहत डा. शकील हाशमी ने मंडी समिति के आढ़तियों एवं वहां पहुंचने वाले व्यापारियों से मिलकर बहुजन समाज पार्टी के जनहितकारी कार्यों को बताया। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा व सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दोनों झूठों की पार्टी हैं। इनके वादे किसानों का कर्ज माफी, बिजली-पानी मुफ्त, मुस्लिमों को 18 प्रतिशत आरक्षण, महंगाई से मुक्ति, अच्छे दिन, भ्रष्टाचार का खात्मा सभी हवा हवाई साबित हुए हैं।

उन्होंने 2007 से 2012 तक के बसपा सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि भाजपा हिदुओं के नाम पर तो सपा मुस्लिमों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करती है, जबकि बसपा सर्वधर्म की पार्टी है। आने वाला समय बसपा का ही है। लोग बसपा की तरफ ही निगाह लगाए हुए हैं।

इस दौरान बसपा के नगर अध्यक्ष मुजम्मिल कुरैशी, नबील अहमद, नसीम अहमद, जिला सचिव अकील अंसारी आदि नेता, कार्यकर्ता व समर्थक मौजूद रहे। इसके अलावा डा. हाशमी ने धनौरा रॉड स्थित मोहल्ला सराय रफी में भी डोर टू डोर जनसंपर्क किया।

काम आई आगे दिखाई देने की रणनीति- गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रभारी शमसुद्दीन राईन ने चांदपुर विधानसभा सीट से डा. शकील हाशमी को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की थी। उस समय यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए थे। इसके पीछे मंशा यह थी कि पार्टी अपने उम्मीदवारों को लेकर जनता के बीच की प्रतिक्रियाओं को जान सके। साथ ही पार्टी ने विधानसभा क्षेत्र के लिए तय किए गए उम्मीदवारों को ही प्रभारी की जिम्मेदारी दे दी थी, ताकि जनता का मूड देखकर आगे की रणनीति तय की जा सके। इसका फायदा ये हुआ कि मतदाताओं को साधने के लिए बेहतर तरीके से रणनीति तैयार कर उस पर अमल भी किया गया। यही कारण है कि इन तैयारियों के चलते अब बसपा आगे निकलती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी ने एक दिन पहले ही सिटिंग एमएलए कमलेश सैनी को प्रत्याशी घोषित किया है, जबकि सपा-रालोद गठबंधन में सहमति नहीं बन सकी है।
