सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चांदपुर विधानसभा सीट पर बदला प्रत्याशी, स्वामी ओमवेश को दिया टिकट। रफी सैफी को टिकट का हो रहा था भारी विरोध।

बिजनौर। सपा रालोद गठबंधन ने बिजनौर की चांदपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बदल दिया है। रफी सैफी के स्थान पर अब स्वामी ओमवेश को टिकट दिया गया है। वहीं
सपा-रालोद गठबंधन में बिजनौर सदर सीट को लेकर खींचतान नजर आ रही है। जहां रालोद से डॉ. नीरज चौधरी सिंबल लेकर आए हैं, वहीं डॉ. रमेश तोमर को सपा ने सिंबल दे दिया है। दोनों प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ पत्रकारों से वार्ता कर खुद के बिजनौर सदर सीट से प्रत्याशी होने का दावा किया। दोनों ने ही नामांकन के लिए पर्चे भी ले लिए हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो अगले दो दिनों में दोनों में से एक प्रत्याशी को सिंबल वापिस करना पड़ सकता है।

बिजनौर जिले की सात विधानसभा सीटों पर लंबे इंतजार के बाद टिकटों की घोषणा हुई तो सदर सीट पर असमंजस की स्थिति बन गई। नूरपुर, धामपुर, नगीना, नजीबाबाद, बढ़ापुर और बिजनौर सदर सीट पर सिंबल बांट दिए। इनमें बाकी सीटों तो पहले ही सपा के खाते में थी, लेकिन बिजनौर पर रालोद का दावा चला आ रहा था।
बिजनौर सदर से रालोद से डॉ. नीरज चौधरी को सिंबल दे दिया गया। सपा से सिंबल लेकर आए डॉ. रमेश तोमर ने कहा कि मुझे पार्टी ने सिंबल लेकर चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा है। मैं नामांकन की तैयारी कर रहा हूं। उधर रालोद से सिंबल लेकर आए डॉ. नीरज चौधरी ने भी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने और नामांकन कराने की तैयारी का दावा किया।
जो भी पार्टी हाईकमान का आदेश होगा, उसी के अनुसार चुनाव लड़वाया जाएगा। फिलहाल सपा से डॉ. रमेश तोमर को सिंबल मिला है, उन्हीं को चुनाव की तैयारी करा रहे हैं। -राशिद हुसैन, सपा जिलाध्यक्ष

पार्टी ने डॉ. नीरज चौधरी को सिंबल दिया है। हम पार्टी हाईकमान से आदेश का पालन करते हुए उन्हें चुनाव की तैयारी करा रहे हैं। सिंबल का मामला एक से दो दिन में सुलझ जाएगा। -अली अदनान, रालोद जिलाध्यक्ष
कुछ ने लखनऊ तो कई ने दिल्ली में डाला डेरा
बिजनौर जिले में टिकट मिलते ही पार्टी से जुड़े पुराने नेताओं ने विरोध भी शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो सपा के कई कार्यकर्ता और नेताओं ने लखनऊ में डेरा डाल लिया है और कुछ टिकटों पर आपत्ति जताई है। वहीं रालोद से भी कई नेता और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पहुंचकर विरोध जताया है। अब किसका विरोध कितना काम आएगा और परिवर्तन करा सकेगा, यह तो अगले दो दिन में साफ हो जाएगा।