
बिजनौर। कोतवाली देहात में कल होने वाली किसानों की महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव में संपर्क साधना शुरू कर दिया है। किसान नेताओं ने क्षेत्र के दर्जनों गांवों का दौरा कर महापंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया।
बताया गया है कि दो दिन पूर्व ग्राम प्रधान सहित पांच लोगों ने थाना क्षेत्र के गांव चंदुपुरा निवासी भाकियू के पूर्व युवा जिला अध्यक्ष नितिन सिरोही पुत्र देवराज सिंह के साथ जमकर मारपीट की थी। हमलावरों में से एक व्यक्ति ने नितिन सिरोही के ऊपर फायरिंग भी की थी। नितिन सिरोही व उसके परिजनों ने नितिन पुत्र मानसिंह को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने नितिन को रात भर थाने में बैठाए रखा तथा सुबह को बिना किसी कार्य के ही उसे छोड़ दिया था इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी नितिन सिरोही व उसके परिजनों के खिलाफ जान से मारने के संबंध में एक तहरीर थाने में सौंपी थी। पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से धारा 307 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया था।
सत्ता पक्ष का दबाव!- भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी दिगंबर सिंह का आरोप है कि सत्ता के दवाव में आकर पुलिस ने दूसरे पक्ष का फर्जी मेडिकल करवाया तथा दूसरे पक्ष की ओर से झूठी एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी दिगंबर सिंह ने 17 फरवरी को उक्त प्रकरण सहित थाने व स्वास्थ्य केंद्र में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ किसानों की महापंचायत का आह्वान किया है। महापंचायत को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय किसान नेताओ ने दर्जनों गांव का तूफानी दौरा किया। उन्होंने किसानों से महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की। क्षेत्र का दौरा करने वालों में समरपाल सिंह, मुनेश, मानवीर, मुकुल त्यागी, बंटी, अनुज तोमर, विकास, रसीद, रोहित, जितेंद्र, डॉ योगेंद्र सिंह, महेश प्रधान, रामेन्द्र, ओमप्रकाश, आसाराम, मुन्नू, निर्मित, नामेन्द्र, राहुल, नागेंद्र, सबु प्रधान, पुरन सिंह, धर्मपाल सिंह आदि किसान शामिल रहे।
भाकियू नेता का आरोप- भाकियू नेता दिगंबर सिंह का आरोप है कि जिस हमलावर को पीड़ित व उसके परिजनों ने सही सलामत पकड़कर पुलिस को सौंपा था। अचानक 10 घंटे बाद उसकी तबीयत कैसे खराब हो गई, जिसके चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने आनन-फानन में उसे इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया तथा उसका फर्जी मेडिकल भी तैयार कर दिया गया। आरोपित व्यक्तियों ने पुलिस व डॉक्टर से हमसाज होकर पीड़ित के खिलाफ थाने में मुकदमा पंजीकृत करा दिया है।