… लेकिन नए कानून यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू प्रॉपर्टी एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट के तहत सरकार कर सकती है कार्यवाही
नई दिल्ली। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ जारी रिकवरी नोटिस को यूपी सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि रिकवर की गई रकम को वापस किया जाए। ये धनराशि करोड़ों में है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ रिकवरी नोटिस और उसके लिए शुरू की गई कार्यवाही को वापस ले लिया गया है। सीएए के खिलाफ 2019 में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। इस मामले में यूपी सरकार ने रिकवरी नोटिस जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी रकम कथित प्रदर्शनकारियों से वसूले हैं, वह रिफंड करे। साथ ही यूपी सरकार को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नए कानून यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू प्रॉपर्टी एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही कर सकती है।
इससे पहले यूपी सरकार की अडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने कहा कि प्रदर्शनकारियों और सरकार को इस बात की इजाजत देनी चाहिए कि वह क्लेम ट्रिब्यूनल के सामने जाएं। मामले में रिकवर किए गए रकम को वापस करने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि रिकवरी नोटिस वापस हो चुका है और कार्रवाई खत्म हो गई। यूपी सरकार रिकवर की गई रकम वापस करे, ये रकम करोड़ों में हो सकती है।
11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीएए कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ यूपी सरकार द्वारा जारी रिकवरी नोटिस पर कड़ी नाराजगी जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आखिरी मोहलत देते हुए कहा था कि वह रिकवरी से संबंधित कार्रवाई को वापस लें और साथ ही चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कार्रवाई नहीं वापस किया गया तो हम कार्रवाई को खारिज कर देंगे क्योंकि यह नियम के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमारे आदेश के तहत जो नियम तय है, उसके तहत कार्रवाई नहीं हुई है।
साभार- इंडेविन टाइम्स, लखनऊ
