
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 25 हजार हेक्टेयर रकबा अपने नियंत्रण क्षेत्र से किया बाहर। हस्तिनापुर सैंक्चुरी में अब रह गया 25,900 हेक्टेयर रकबा। लगेंगे उद्योग और हो सकेंगे विकास कार्य। एनजीटी से जिले के उद्यमी कई साल से लगातार कर रहे थे मांग।
बिजनौर। हस्तिनापुर सैंक्चुरी का रकबा अब 25,900 हेक्टेयर रह गया है। एनजीटी ने बिजनौर और चांदपुर तहसील का 25 हजार हेक्टेयर रकबा अपने नियंत्रण क्षेत्र से बाहर कर दिया है। जिले के उद्यमी कई साल से लगातार हस्तिनापुर सैंक्चुरी का दायरा कम करने की मांग कर रहे थे।

विदित हो कि वन्य जीवों की सुरक्षा को देखते हुए हस्तिनापुर सैंक्चुरी क्षेत्र में निर्माण कार्य व नए उद्योग जैसे विकास कार्य पर पाबंदी लगी हुई थी। जिले के उद्यमी विकास कार्य एवं नए उद्योग लगाने के लिए कई साल से लगातार हस्तिनापुर सैंक्चुरी का दायरा कम करने की मांग एनजीटी से कर रहे थे। अब एनजीटी के आदेश पर बिजनौर और चांदपुर तहसील अंतर्गत हस्तिनापुर सेंक्चुरी का करीब 25 हजार हेक्टेयर रकबा बाहर कर दिया गया है। इस कारण अब इस क्षेत्र में न सिर्फ नए उद्योग लग सकेंगे बल्कि विकास कार्य भी हो सकेंगे। एनजीटी की इस कार्यवाही के बाद अब जो रकबा बचा है, उसमें जंगल की भूमि, ग्राम समाज की भूमि, सिंचाई की जमीन आदि है। डीएफओ डॉ. अनिल कुमार पटेल का कहना है कि यह प्रक्रिया पिछले कई सालों से चल रही थी। हस्तिनापुर सैंक्चुरी का रकबा अब 25,900 हेक्टेयर रह गया है।

