गांव नहीं अपने विकास में जुटे सेक्रेट्री! संपत्ति की हो जाए जांच तो धनकुबेरों के पैरों तले की जमीन जाएगी खिसक। आलीशान बंगलों जमीन जायदाद के हैं मालिक। सत्ता के गठजोड़ से चलता रहता है पूरा मामला। पेट्रोल पंप तक के मालिक हैं गांवों के खेवनहार। फर्जी बिल, बैक डेट के विज्ञापन ही नहीं बैंकों तक मे खुलवा लिए फर्जी खाते। अखबारों के असली मालिक तक होंगे अनजान। प्रधान बेचने लगे घर से निर्माण सामग्री।
बिजनौर (रोहित चौधरी)। जिले में ग्राम पंचायतों का विकास कार्यों को लेकर बुरा हाल है। पंचायतों को शासन से विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये मिले। ..लेकिन अधिकारी जमीनी हकीकत देखकर हैरान हैं। अधिकारियों को निरीक्षण में गड़बड़ी मिली। इस मामले में कोतवाली ब्लॉक के चार ग्राम विकास अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं। ग्राम विकास अधिकारियों पर ड्यूटी से नदारद रहने व विकास कार्यों के क्रियान्वयन में गड़बड़ी के आरोप रहे।

जिले में 11 ब्लॉक हैं, इनमें कोतवाली ब्लॉक सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला ब्लॉक है। इसमें सबसे अधिक 149 ग्राम पंचायत हैं। प्रशासन को कोतवाली ब्लॉक की पंचायतों में अनियमितताओं की सबसे अधिक शिकायत मिल रही थी। उपनिदेशक पंचायत व डीपीआरओ ने कोतवाली ब्लॉक की पंचायतों का निरीक्षण किया, जहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली। पंचायत सचिव ड्यूटी से नदारद थे। गली मोहल्लों में कूड़े के ढेर मिले। सड़कों व रास्तों में गंदगी फैली थी। दूषित पानी से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका जताई गई। पानी निकासी के नाले व नाली गंदगी से अटे मिले। सचिवालय में कामकाज ठप मिला। सामुदायिक शौचालय में ताले लटके मिले। प्रधानों द्वारा शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन में दिलचस्पी नहीं लेने के आरोप लगे। इस बिना पर कोतवाली ब्लॉक के चार पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया। गांवों में ये हुए हैं विकास कार्य
ग्राम पंचायतों में पंचायत घरों का जीर्णोद्धार हुआ। जहां पंचायत घर नहीं थे वहां नए पंचायत घर बने। सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हुआ। मुख्यमंत्री की ग्राम सचिवालय मॉडल योजना में सचिवालय बने। बरसाती व घरेलू पानी की निकासी के लिए नाले व नाली बने। सीसी रोड बनीं। अंत्येष्टि स्थल बने। उपनिदेशक पंचायत पंचायतों के निरीक्षण में यह देखकर हैरान रह गए कि पंचायतों को विकास कार्यों के लिए करोड़ों की धनराशि आवंटित होने के बाद भी जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। निर्माण आधे अधूरे पड़े हैं। ग्रामीणों ने उपनिदेशक व डीपीआरओ के समक्ष आरोप लगाए कि सफाई कर्मचारी प्रधानों का निजी काम करते हैं। सफाई के लिए कहने पर बदसलूकी करते हैं। सचिव उनकी बात नहीं सुनते।ये ग्राम विकास अधिकारी हुए निलंबित
जिला विकास अधिकारी एस कृष्णा के अनुसार निरीक्षण आख्या के आधार पर ग्राम पंचायत खुर्रमपुर खड़क की ग्राम विकास अधिकारी/ सचिव प्रियंका राजपूत, ग्राम पंचायत कनकपुर व फाजलपुर भारु में तैनात ग्राम विकास अधिकारी/ सचिव काकेंद्र कुमार सिंह, ग्राम पंचायत नूर अलीपुर भगवंत के ग्राम विकास अधिकारी/सचिव कमलकांत पाल, तथा ग्राम पंचायत महमूदपुर भांवता में नियुक्त ग्राम विकास अधिकारी/सचिव नंदराम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में प्रियंका राजपूत व काकेंद्र कुमार सिंह, ब्लॉक नहटौर, नंदराम सिंह ब्लॉक अफजलगढ़, कमलकांत पाल ब्लॉक नजीबाबाद से संबद्ध रहेंगे। सभी निलंबित ग्राम विकास अधिकारियों की आगे की जांच सक्षम अधिकारियों को सौंपी गई। जांच अधिकारी को एक माह में आरोप पत्र जिला विकास अधिकारी को सौंपना है।
अब तक एक दर्जन से अधिक कर्मचारी हुए निलंबित
डीएम उमेश मिश्रा के निर्देश पर पंचायतों की जमीनी हकीकत परखी जा रही है। पंचायतीराज विभाग के जिला व मंडल अधिकारी लगातार पंचायतों में विकास कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं। जांच में खूब अनियमितता सामने आ रही हैं। डीपीआरओ सतीश कुमार के अनुसार अब तक एक दर्जन से अधिक पंचायत सचिव व सफाई कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई है। आठ सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हुई है। शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में रुचि नहीं लेने पर ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं।
दी गई प्रतिकूल प्रविष्टि, रोकी वेतनवृद्धि
कोतवाली ब्लॉक में एक और ग्राम विकास अधिकारी/ पंचायत सचिव की अनियमितताओं के आरोप में प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ वेतन वृद्धि रोक दी है। जिला विकास अधिकारी एस कृष्णा ने बताया कि कोतवाली ब्लॉक की ग्राम पंचायत उमरपुर बरखेड़ा में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी/ पंचायत सचिव विवेक देशवाल को उपनिदेशक की जांच में अनियमितता मिलने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। साथ ही एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी है। डीडीओ के मुताबिक पंचायत में पंचायत घर का निर्माण दिसंबर 2021 से शुरू हुआ। जांच में अधूरा मिला। इसी तरह की अन्य अनियमितताएं मिली हैं।