पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर कानपुर में जमकर बवाल, उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के साथ बमबाजी

कानपुर (एजेंसी)। पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित टिप्पणी को लेकर कानपुर में बवाल हो गया। एक समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया, जवाब में दूसरे पक्ष के लोगों ने भी सड़क पर उतर कर पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियों ने पथराव के साथ ही फायरिंग व बमबाजी भी की। घटना में छह लोग घायल हो गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पैगंबर मोहम्मद साहब पर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर नमाज के बाद एक पक्ष ने नई सड़क पर जमकर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते हालत बेकाबू हो गए और दोनों ही पक्ष आमने-सामने आ गए। बिगड़े हालात को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई और घेराबंदी कर लोगों को शांत कराने का प्रयास करने लगे लेकिन अराजक तत्व लगातार पत्थरबाजी करते रहे। इस दौरान छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

डीएम और संयुक्त पुलिस आयुक्त समेत भारी फोर्स ने मौके पर पहुंच कर पैदल मार्च करते हुए लोगों को समझाने का प्रयास किया।
बवाल की सूचना पर भारी फोर्स के साथ डीएम नेहा शर्मा, संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के साथ कई सर्किल के एसीपी और पीएसी समेत भारी फोर्स मौके पर पहुंचा। पैदल मार्च कर लोगों को समझाने का प्रयास किया तब कहीं जाकर हालात काबू में आए। सुरक्षा की दृष्टि से नई सड़क पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने सभी घायलों को तत्काल अस्पताल भिजवाया, जहां पर सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। अस्पताल में संजय शुक्ला, आशीष, अमर बाथम, अनिल गौड़, मुकेश देव गौड़ा, राजू सिंह आदि घायलों का इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

खास बात यह है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर देहात के दौरे पर हैं।

बताया गया है कि मुस्लिम अधिसंख्य आबादी वाले क्षेत्रों में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में बाजार बंद रखने का आह्वान किया गया था। पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई।

इसके बाद यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास बााजर बंद कराने को लेकर दोनों पक्ष आमने- सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। लोग तंग गलियों में घुसकर पत्थरबाजी करने लगे।