
लखनऊ पहुंच कर किसानों की समस्याएं विद्युत विभाग के एमडी को बताईं
बिजनौर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रतिनिधि मण्डल ने पंकज कुमार, प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन लि0 से शक्ति भवन, लखनऊ में मुलाकात कर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि निजी नलकूपों में मीटर लगाये जाने से किसानों में रोष है, जिससे सरकार द्वारा घोषणा पत्र में किसानों को फ्री बिजली दिये जाने के वादे का भी मजाक है। सामान्य योजना के कनेक्शन का सामान निर्गत किये जाने, विद्युत उपकेन्द्रों एवं ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि, जर्जर तार बदलने, गलत बिजली बिल दिये जाने आदि समस्याओं पर चर्चा की। प्रबन्ध निदेशक ने बिजली विभाग के विशेष सचिव आदेश संख्या 812/24-1-21-1307/2020 दिनांक 12 मई 2021 का हवाला देते हुए यह आश्वासन दिया कि एलएमवी 5 के अन्तर्गत निजी नलकूपों के संयोजनों की बिलिंग अनमीटर्ड निर्धारित दरों पर ही की जायेगी। किसानों के भ्रम दूर करने के लिए सभी कंपनियों को आदेशित किया जायेगा। प्रदेश में जर्जर तार एवं क्षमता वृद्धि हेतु आगामी तीन माह में भारत सरकार की योजना के माध्यम से कार्य कराये जाने सुनिश्चित किये जायेंगे। किसानों के बिल पर निगरानी हेतु टीम का गठन किया जा रहा है। किसानों की सुविधा हेतु विभाग द्वारा जल्द ही कई छोटे-छोटे कदम उठाये जायेंगे प्रतिनिधि मण्डल में धर्मेन्द्र मलिक राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिगम्बर सिंह युवा प्रदेश अध्यक्ष, उ0प्र0 शामिल रहे।
एमडी को दिये ज्ञापन में बताया गया कि उत्तरप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शेड्यूल के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। अघोषित कटौती और फॉल्ट की समस्या बनी ही रहती है। हवा चलने से लाइन फॉल्ट आना, उपकरण खराब होना व् ट्रांसफार्मर में खराबी आना आम बात हो गई है और बिजली ट्रिपिंग किसानों की समस्या बनी रहती है। अगर सही ढंग से लाइनों का सुधार और ट्रांसफार्मर, बिजलीघर की क्षमता वृद्धि की जाए जिससे सप्लाई प्रभावित न हो।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में किसानो द्वारा निजी नलकूप पर मीटर लगाने जाने को लेकर किसान आक्रोशित है। किसानों को आशंका है कि मीटर से किसानों पर बिजली बिल का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है।
बिजली विभाग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि खेती के लिए निजी नलकूप कनेक्शन पर मीटर लगवाने के बाद भी किसानों पर बिजली बिल का बोझ नहीं बढ़ेगा। किसानों को मीटर रीडिंग के हिसाब से बिजली बिल का भुगतान नहीं करना होगा, बल्कि पहले से निर्धारित बिल ही उनसे लिया जाएगा। मीटर रीडिंग के जरिये बिजली निगम गांवों में नलकूपों पर विद्युत खपत का आंकलन करेगा। बीजेपी के संकल्पपत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश के किसानों को अगले 5 साल तक बिजली बिल का भुगतान नहीं करना होगा, इस पर भी सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश निजी नलकूप के नये बिलों में ग्रामीण मीटर्ड कनेक्शन में बिजली दर 2 रुपये प्रति यूनिट से घटकर 1 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये प्रति हॉर्स पावर से घटकर 35 रुपये प्रति हॉर्स पावर की गयी थी। अनमीटर्ड कनेक्शन में फिक्स चार्ज 170 रुपये प्रति हॉर्स पावर की जगह 85 रुपये प्रति हॉर्स पावर होगा। किसानों को वाटर लेबिल अधिक गहरे में जाने के कारण बड़ा मोटर रखना पड़ रहा है, इसके लिए बोर के आधार पर प्रति हॉर्स पावर कनेक्शन स्वीकृत किया जा सकता है, ताकि किसान को उचित राहत मिल सके।
जन शिकायतों के प्रभावी निस्तारण एवं सरकारी कार्यक्रमों के असरदार क्रियान्वन के लिए सम्भव पोर्टल sambhav.up.gov.in के माध्यम से पंजीकृत होकर त्वरित निस्तारण का लाभ ग्रामीण जनता व् किसानों को नही मिल रहा है। किसानों को बिजली की समस्याओं के लिये दीर्घकालीन समाधान चाहिये। इसके लिए भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने समाधान की मांग की है।
- बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जाए। ताकि किसानों की बार-बार ट्रांसफार्मर जलने व् लो-वोल्टेज की वजह से नलकूप न चलने की समस्या का समाधान हो सके।
- विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही जर्जर लाइनों और जंग लगे विद्युत पोलों को बदला जाये। लंबी दूरी और बांस बल्ल्यिों के सहारे वाले कनेक्शनों पर पोल लगाए जाएं। विद्युत लाइनों के समीप से पेड़ हटाए जाये ताकि वे लाइनों पर न गिरें। निजी नलकूपों की लाइनों के जर्जर तार अविलंब बदले जाए। जर्जर लाइनों के टूटने से किसानों की फसल बर्बाद होती रहती है।
- किसानों को वाटर लेबिल अधिक गहरे में जाने के कारण बड़ा मोटर रखना पड़ रहा है, इसके लिए बोर के आधार पर प्रति हॉर्स पावर कनेक्शन स्वीकृत किया जाये अर्थात चार इंची बोरिंग तक किसानों को 7.5 एचपी व 6 इंच बोरिंग के नलकूप पर 10 हार्स पॉवर का कनेक्शन दिया जाये।
- नया कनेक्शन लेने, गलत बिल आना या बिना कनेक्शन बिल आने, एक नाम पर दो कनेक्शन का बिल आने पर किसानों की कठिनाइयों के हल का पारदर्शी व् शीघ्र हल की प्रणाली विकसित की जाये क्योकि नया कनेक्शन लेने व गलत बिल सही कराने से लेकर कनेक्शन देने के मामले में इंजीनियर बिजली ग्राहकों को महीनों इधर से उधर दौड़ाते है, इसलिए तय समय सीमा में समस्या का समाधान नहीं होने पर मुआवजा कानून (स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन, 2019) के तहत मुआवजा दिया जाये।
- विद्युत चोरी के प्रकरण में कृषि उपभोक्ता पर वैधानिक दायित्व राशि उचित व तर्क पूर्ण की जाये अर्थात देय अनुदानित दर से की जाये, ताकि कृषि उपभोक्ता उसे जमा कर सके, अन्यथा विवाद बना रहता है। सतर्कता जांच प्रतिवेदन का सहायक अभियंता के स्तर पर पूर्ण निस्तारण किया जाये।
- अधिभारित विद्युत उपकेंद्र से बाटकर बिजली सप्लाई की जा रही है।जिससे किसानों को निर्धारित अवधि के सापेक्ष आधी ही आपूर्ति होती है। इसके निवारण हेतु नए विद्युत उपकेंद्र बनाए जाए।
- सामान्य योजना के अन्तर्गत निर्गत किए गए निजी नलकूप के कनेक्शन का सामान उपलब्ध कराया जाय। सामान्य योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सब्सिडी में भी वृद्धि की जाये।