
बेसिक शिक्षा विभाग के स्थानांतरण नीति को CM योगी ने बदलाव के साथ दी मंजूरी
तबादला नीति के मुताबिक नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों के आधार पर अधिक टीचर्स संख्या वाले स्कूल और अध्यापक की जरूरत वाले विद्यालय मानव संपदा पोर्टल पर 30 अप्रैल 2022 को उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर चिह्नित किया जाएगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग के स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी। इस बार की ट्रांसफर पालिसी में विशेष ध्यान आकांशी जनपदों का रखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 8 आकांशी जनपद है, जिनमें बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थनगर, चंदौली,सोनभद्र, फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं। पूर्व में इन जनपदों को ट्रांसफर पालिसी से बाहर रखा जाता था। इस बार विभाग ने ऑनलाइन मोड पर इन जनपदों को भी ट्रांसफर नीति में शामिल किया है।
ट्रांसफर पालिसी में ये हुए अहम बदलाव….
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया; हमारी यह कोशिश हैं कि अभी तक ग्राम और नगर के ट्रांसफर अलग थे। गांव से नगर में ट्रांसफर नहीं हो सकता था। वहीं नगर से गांव में नहीं हो सकता था। हमने इस बार नीति में इस विकल्प को खोला है कि ग्रामीण क्षेत्र में जो शिक्षक अच्छा काम कर रहे हैं, उनको भी शहर में आने का मौका दिया जाए। नगरों में स्कूल में शिक्षकों की कमी को भी पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में बड़े हद तक शिक्षकों को भी इस निति से विशेषकर आकांशी जनपदों और ग्रामीण क्षेत्र फायदा मिलता दिख रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुप्रतीक्षित बेसिक शिक्षा विभाग की स्थान्नतरण नीति को मंजूरी मिलने से प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों में खुशी की लहर है। शिक्षक अभी से अपने सभी प्रपत्रों को एकत्र करके आवेदन की तिथि का इंतजार कर रहे हैं। कई शिक्षकों व शिक्षिकाओं ने इस स्थानांतरण नीति को महिलाओं के लिए सही ठहराया है, साथ ही साथ इतनी जल्दी इसको पारदर्शी ढंग से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री व विभगीय मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
वरीयता के होंगे अलग-अलग पैमाने
ऑनलाइन मोड से पारदर्शी ढंग से पूरा ट्रांसफर विभाग द्वारा किया जायेगा। यानि कि विभाग के ऑनलाइन ट्रांसफर का एक पूरा फॉर्मेट बनाया गया है, जो ऑनलाइन शिक्षकों का आवेदन स्वीकार करेगा। उसमें कुछ कैटेगरी हैं, जिन को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। जिनका सेवाकाल लंबा है, जो ज्यादा दिनों से नौकरी कर रहे हैं; उनको विभाग प्राथमिकता के अंक देगा। सभी वर्ग को अलग-अलग अंक दिए जायेंगे। सैनिकों व अर्धसैनिक बलों के परिवार के लोगों, पति या पत्नी में से कोई अगर शिक्षक है और दूसरा सैनिक है अथवा सैनिक बल में है, तो उनको वरीयता दी जाएगी। जो शिक्षक स्वयं गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं या जिनके परिवार से कोई बीमारी से ग्रस्त हो अथवा उनको देखभाल की आवश्यकता है, उनको भी वरीयता दी जाएगी। जो पति- पत्नी एक दूसरे के कार्यस्थल पर जाना चाहते हैं, पति के कार्यस्थल पर पत्नी या पत्नी के कार्यस्थल पर पति, उनको भी वरीयता दी जाएगी। जो पुरस्कार प्राप्त शिक्षक यानि राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को भी वरीयता दी जाएगी। विभाग द्वारा इस तरह के कई मानक तय किये गए हैं, जिनके अनुसार अंक को दिया जायेगा। शिक्षकों को ऑनलाइन अप्लाई करना होगा वो जिस कैटेगरी में आएंगे, उनको उसी के अनुरूप अंक मिलेंगे।
वरीयता तय करने के मानक
सेवा के लिए एक अंक-अधिकतम 10 अंक
असाध्य या गंभीर रोग (स्वयं, जीवनसाथी या बच्चे) -15 अंक
दिव्यांग अध्यापक (स्वयं, जीवनसाथी या बच्चे) -10 अंक
सरकारी नौकरी करने वाले पति या पत्नी के जिले में-10 अंक
एकल अभिभावक-10 अंक
महिला अध्यापिका-10 अंक
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त-5 अंक
राज्य पुरस्कार प्राप्त -3 अंक
25 स्कूलों का देना होगा विकल्प- सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों का जिलों के अंदर तबादला / समायोजन ऑनलाइन किया जाएगा। समायोजन के लिए अध्यापकों को 25 स्कूलों का विकल्प देना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने समायोजन, तबादले नीति जारी कर दी है। 10 दिन के अंदर इसका पोर्टल खोल दिया जाएगा।
गड़बड़ी के लिए बीएसए होंगे जिम्मेदार- तबादले में किसी भी तरह की गड़बड़ी के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। जिन शिक्षकों के रिटायर होने को दो साल बचे हैं, उन्हें समायोजन प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा हालांकि वे चाहें तो आवेदन कर सकेंगे। यदि सरप्लस शिक्षकों में दिव्यांग, असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित, एकल अभिभावक हैं तो उन्हें छोड़ते हुए वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाएगा।