वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी जनसहभागिता के साथ पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ करने होंगे प्रयास। धरती की जीविता को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वन्यजीवों की सुरक्षा जरूरी: डीएम। बिजनौर में पर्यटन के विकास हेतु अमानगढ़ रेंज को खुलवाने के लिए डीएम ने किया प्रधान मुख्य वन संरक्षक से अनुरोध।
बिजनौर। वन्यजीव संरक्षण केवल शब्द नहीं बल्कि जीवन का आधार है, इंसानों की तरह जीवों में भी भावनाएं एवं संवेदनाएं पाई जाती हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव के0पी0 दूबे ने कहा कि धरती की जीविता को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भी जनसहभागिता के साथ पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ प्रयास करने होंगे। बिजनौर जिला वन्य बाहुल्य क्षेत्र है और प्राकृतिक सम्पदाओं और सौंदर्य से परिपूर्ण होने के कारण यहां कृषि वानिकी एवं ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। मत्स्य, कृषि एवं वन विभाग के समन्वय से जिले को कृषि वानिकी के रूप में विकसित कर देश एवं प्रदेश में एक मॉडल के तौर पेश किया जा सकता है।

लोनिवि, परिवहन, विद्युत अधिकारियों को निर्देश–
प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव के0पी0 दूबे गुरुवार दोपहर कलक्ट्रेट सभागार मानव जीव संगर्ष एवं इको टूरिज़्म से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिजनौर जिला वन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां मानव-जीव संघर्ष की अधिक संभावनाएं हैं, जिसके दृष्टिगत दोनों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने होंगे ताकि मानव सुरक्षा के साथ वन्यजीव भी सुरक्षित रह सकें। उन्होंने अधिशासी अभियंता लोनिवि एवं उप संभागीय अधिकारी परिवहन को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय-राज्य राजमार्गाें तथा वन्य क्षेत्र से गुजरने वाले मार्गाें पर ग्लो साईन बोर्ड एवं वन्यजीवों के चित्र के साथ रिफिलैक्टर लागवाएं, ताकि वाहन चालक सचेत और संयमित होकर ड्राइविंग करें। उन्होंने कहा कि वन्यजीव बिना छेड़छाड़ किए किसी भी मानव पर हमला नहीं करते, यदि मार्ग अथवा खेत आदि में कोई जीव नजर आए तो कतई न घबराएं और जाने के लिए उसको रास्ता दें तथा तत्काल उसकी सूचना जिला प्रशासन या वन विभाग के अधिकारी को दें। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस प्रकार की सूचना मिलने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
वन्यजीव मानव जीवन का एक हिस्सा: डीएम उमेश मिश्रा
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि वन्यजीव मानव जीवन का एक हिस्सा बन चुके हैं, इसलिए उनके साथ जीवनयापन की राह तलाश करनी होगी। बाघ के प्रवास का प्रिय स्थल गन्ने के खेत हैं, जिसके दृष्टिगत उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिए किसान बंधुओं को खेतों में अकेले न जाने और आवश्यक सावधानी बरते के लिए नियमित रूप से बल्क मैसेज किए जाएं। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए वन्यजीव के संरक्षण के लिए “संकल्प संदेश“ का आलेख तैयार करा कर सभी ग्राम पंचायतों में जनसामान्य में जागरूकता और उनके प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न करने के लिए सामूहिक रूप से शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन कराएं तथा खेतों में जो कुएं निष्क्रिय अवस्था में मौजूद हैं, उनपर लोहे का जाल लगाना सुनिश्चित करें ताकि कोई वन्यजीव उसमें न गिर सके। इसी क्रम में उन्होंने अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देशित किया कि वन्यक्षेत्र में कोई भी विद्युत तार लटके हुए तथा नंगी अवस्था में न पाए जाएं और जिन स्थाानों पर ट्रांसफार्मर नीचे स्थानों पर रखे हुए हैं, तत्काल उन्हें ऊंचे स्थान पर स्थापित कराना सुनिश्चित करें।
अमानगढ़ रेंज को पयर्टकों के लिए खुलवाने का अनुरोध
जिलाधकारी ने अधिशासी अभियंता लोनिवि को निर्देश दिए कि बादीगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण के लिए कार्ययोजना बना कर उनके स्तर से पत्र शासन को प्रेषित करें ताकि उसका डिवाइडर के साथ डबल रास्ते का निर्माण किया जा सके। इसी के साथ उन्होंने अपर मुख्य अधिकारी को निर्देश दिए कि पर्यटकों के प्रवास के लिए गैस्टहाउस का निर्माण कराएं और साथ ही आधुनिक शौचालय बनवाना भी सुनिश्चित करें। इसी क्रम में उन्होंने अधिशासी अभियंता सिंचाई खण्ड को विभागीय गैस्ट हाउस का रिनोवेशन कराने के लिए भी आदेशित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव के0पी0 दूबे से अमानगढ़ रेंज को पयर्टकों के लिए खुलवाने का अनुरोध किया ताकि वन्यजीवों एवं प्राकृतिक वातावरण के प्रेमी आकर्षित होकर इधर का रूख़ करने के लिए ललायित हो सकें।
इस अवसर पर वन संरक्षक मुरादाबाद विजय सिंह, डीएफओ बिजनौर एवं नजीबाबाद, जिला पंचायत राज अधिकारी सतीश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरण यादव के अलाव अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।