लखनऊ। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी सम्पूर्ण भारतवर्ष में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में बाल गोपाल का जन्म हुआ।

इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर काफी असमंजस रहा। दरअसल, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन पड़ रही है। ऐसे में लोगों में जन्माष्टमी मनाने को लेकर असमंजस रहा। कई पंडितों के अनुसार इन दोनों ही दिन जन्माष्टमी मनाई जा सकती है। इस दिन विधि अनुसार श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है। भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सफलता के साथ संपन्नता आती है। हमारे देश में कृष्ण जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। लोग श्री कृष्णा जी का झूला सजाते हैं और उनका श्रृंगार करते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव पर भक्त एक दूसरे को बधाई संदेश भी भेजते हैं। यही नहीं रक्षा बंधन पर्व का समापन भी इसी दिन करने का विधान है। बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें सुखमय जीवन का आशीर्वाद देती हैं। वहीं भाई भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेंट देते हैं।