बिजनौर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार जनपद में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने अपने घरों में लड्डू गोपाल को नई पोशाक व नए श्रृंगार के साथ विराजमान किया। काफी श्रद्धालुओं ने गुरुवार 18 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया। वहीं बहुत से गृहस्थों ने शुक्रवार को व्रत रखकर जन्माष्टमी मनाई। मंदिरों को दुल्हन की तरह से सजाने के साथ ही रामडोल सजाए गये हैं। इन पर कान्हा को विराजमान किया गया है।

सर्वविदित है कि जन्माष्टमी का पावन पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। सिविल लाइन स्थित धार्मिक संस्थान विष्णु लोक के ज्योतिषविद पंडित ललित शर्मा ने बताया कि शास्त्रानुसार मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि को हुआ था। 18 अगस्त 2022 को अष्टमी तिथि अर्धरात्रि व्यापिनी होने के चलते गृहस्थ जीवन जीने वाले ( स्मार्त ) लोगों को गुरुवार 18 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाना श्रेष्ठ माना गया। वृद्धि और ध्रुव योग का निर्माण भी गुरुवार को शुभ रहा।

वहीं 19 को साधु संत (वैष्णव) लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। उन्होंने बताया कि धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात्रि में 12:00 बजे हुआ था। 18 अगस्त 2022 को रात्रि में 12:00 बजे अष्टमी तिथि रही।