
बिजनौर। दोयज के मौके पर रोडवेज बस स्टैंड स्थित बूढ़े बाबा के मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद चढ़ाया। इस मौके पर मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी की।

भादों माह की दोयज को बूढ़े बाबा के मंदिरों में प्रशाद चढ़ाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि मंदिर में प्रशाद चढ़ाने से मन की मुराद पूरी होती है। साथ ही लोगों को दाद, खाज, खुलजी, एक्जिमा जैसे चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। विगत दो वर्षो से कोविड़ के प्रकोप के चलते दूर दराज के श्रद्धालु मंदिरों तक नहीं पहुंच सके थे। सोमवार तड़के से ही मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला शुरू हो गया। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद चढ़ाया। इस मौके पर लगाए गये मेले में बच्चों ने खिलौने, महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन एवं घरेलू सामान खरीदा। चाट पकौड़ी, गोलगप्पे, मोमोज़, बर्गर के ठेलों पर भी भीड़ उमड़ी। जलेबी, लड्डू, प्रशाद के दुकानदारों ने भी खूब माल बेचा।

हल्दौर में इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस मुस्तैद रही। थानाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह व निरीक्षक केपी सिंह, उपनिरीक्षक भीम सिंह आदि तैनात रहे। वहीं मंडावर थाना क्षेत्र के गांव शहवाजपुर, गांव रामजीवाला छकड़ा में इस अवसर पर लगे मेले में खासी भीड़भाड़ रही। आसपास के कई गांव के लोगों ने बुड्ढे बाबा के मंदिर पर प्रसाद चढ़ाया और भगवान से प्रार्थना की। मेले में मंडावर पुलिस भी चप्पे-चप्पे पर तैनात रही। यहां भी हजारों श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के लिए पहुंचे। मेले में लोग अपनी टैक्टर ट्राली बैलगाड़ी और मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए। बच्चों ने झुला झूलकर खुशी मनाई।