राजनीतिक वरदहस्त इतना भारी, अवैध खनन बदस्तूर जारी। कार्रवाई का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारी बैकफुट पर।

बिजनौर। अवैध खनन के धंधे में राजनीतिक वरदहस्त इतना भारी है कि एक दिन पहले कार्रवाई का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारी बैकफुट पर हैं और अवैध खनन बदस्तूर जारी है।
दरअसल नूरपुर रोड पर चारु पेपर मिल एवं नगला गांव में भाई बहन के मंदिर के पास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं अनुमति से दोगुना स्थानों पर अवैध खनन जेसीबी से किया जा रहा है। यही नहीं, जितनी गहराई तक खुदाई की अनुमति मिली है, उससे दोगुना से ज्यादा खुदाई करने के कारण बहुत स्थानों पर खाई बन गई हैं। जिले के आला अधिकारियों तक को इस बात की सूचना होने के बावजूद अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई खनन माफियाओं के खिलाफ नहीं की गई। गौरतलब है कि मिट्टी खनन के लिए जेसीबी से खनन करने की मंजूरी नहीं दी जाती है। प्रशासन सिर्फ फावड़े से ही मिट्टी उठाने की अनुमति देता है। इसके बावजूद खुलेआम जेसीबी से खनन किया जा रहा है।

यहां उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कई समाचार पत्रों ने अवैध खनन की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन का एक भी अधिकारी आंख उठा कर देखने की हिम्मत, नहीं जुटा पाया। इससे स्पष्ट होता है कि खनन माफिया की जड़े कितनी गहरी हैं कि खुलेआम रात दिन जेसीबी से खनन जारी रखे हुए हैं।आमजन के मुंह से तरह-तरह की बातें जहाँ जिला प्रशासन के संबंध में सुनी जा सकती हैं वहीं कुछ लोग सीधा राज्य सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। प्रशासनिक अमला ही सरकार की नीतियों का मखौल उड़ाने में लगा है। सब जानकर भी अनजान मूक दर्शक बने हुए हैं।