वर्चस्व की जंग में फिर एक और हाथी की मौत

वर्चस्व की जंग में फिर एक और हाथी की मौत
बढ़ापुर रेंज मे फिर एक और हाथी ने गंवाई जान

बढ़ापुर/बिजनौर। वन प्रभाग नजीबाबाद की बढ़ापुर रेंज मे एक हाथी की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया। मृत नर हाथी के शरीर पर चोट के गहरे निशान है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हाथियों में वर्चस्व को लेकर हुए खूनी संघर्ष में उसकी मौत हुई है। हाथी के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली से डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच गई है। बता दें कि इससे पहले हाल ही में साहुवाला वन रेंज में भी एक नर हाथी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। एक के बाद एक नर हाथी की मौत वन विभाग पर सवालिया निशान लगा रही है।
बताया जाता है कि वन क्षेत्राधिकारी बढ़ापुर कपिल कुमार को बुधवार को बढ़ापुर रेंज के कक्ष संख्या एक मे एक नर हाथी का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे रेंजर द्वारा घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई थी। जिसके बाद डीएफओ नजीबाबाद डॉक्टर मनोज शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया था।रेंजर कपिल कुमार के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्र के कक्ष संख्या एक में जिस स्थान पर हाथी का शव पड़ा है उसके आसपास अन्य हाथियों के पद-चिन्हों के अलावा भारी मात्रा मे खून बिखरा पड़ा हुआ है। घटनास्थल का नजारा देखने से प्रतीत होता है कि हाथी की मौत से पहले हाथियों के बीच जमकर खूनी संघर्ष हुआ है। हाथी के शव और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद वन अधिकारी प्रथम दृष्टया हाथी की मौत को हाथियों के बीच वर्चस्व के लिए हुए आपसी संघर्ष ही मान रहे है।मृत हाथी के पेट पर दाई और आघा दर्जन के करीब बड़े और गहरे घाव नजर आ रहे हैं। पेट पर दिखाई दे रहे गहरे घाव अन्य हाथी के दांतों द्वारा किये गए प्रहार से होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। वन अधिकारियो द्वारा आंशका व्यक्त की जा रही है कि किसी बडे ताकतवर हाथी ने अपने दांतो से प्रहार कर युवा नर हाथी को मौत के घाट उतारा है। मृत हाथी की आयु 15 वर्ष के करीब होना बताई जा रही है।
घटनास्थल के समीप बगनला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार/ बुधवार की रात्रि जंगल से हाथियों के चिंघाड़ की आवाज़ सुनाई पड़ रही थी। हाथियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में किसी अन्य हाथी के घायल होने का पता लगाने के लिए वन कर्मचारी जंगल में कांबिंग भी कर रहे हैं। बहरहाल हाथी की मौत क्यों ? और कैसे हुई ? इसका पता लगाने के लिए इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईवीआरआई ) बरेली से डॉक्टरों की टीम हाथी के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए गुरुवार को बढ़ापुर रेंज पहुंच गई है। इस घटना से 20 दिन पूर्व नजीबाबाद वन प्रभाग की साहूवाला रेंज के कक्ष संख्या पांच राजगढ़ में जंगल के बीच से गुजर रही विद्युत हाईटेंशन लाइन की चपेट मे आने से एक युवा नर हाथी की मौत हो गई थी।

Published by Sanjay Saxena

पूर्व क्राइम रिपोर्टर बिजनौर/इंचार्ज तहसील धामपुर दैनिक जागरण। महामंत्री श्रमजीवी पत्रकार यूनियन। अध्यक्ष आल मीडिया & जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिजनौर।

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